मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विश्व कैंसर दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने देश में बढ़ते कैंसर के मामलों और इसके कारणों पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि हम जागरूक होकर बहुत हद तक इस व्याधि से अपने को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम के मध्य संस्कृति नर्सिंग कालेज के प्राचार्य डा. केके पाराशर ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस, 2008 में लिखे गए विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के नेतृत्व में कार्यरत है। विश्व कैंसर दिवस का प्राथमिक लक्ष्य कैंसर और बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। बहुत से लोग कैंसर को दूर करने के लिए आध्यात्मिकता का भी सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का अत्यधिक प्रयोग काफी हद तक कैंसर को बढ़ावा दे रहा है। प्लास्टिक के डब्बों में बंद खाद्य पदार्थों के प्रयोग से हमें बचना चाहिए।
डा. आरपी जायसवाल ने बताया कि दुनियाभर में कैंसर से निजात पाने के लिए वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए टीका खोजा जा चुका है, जिसको लगवाने से इससे बचा जा सकता है। डा. रेनू गुप्ता ने कहा कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान लगातार रखना चाहिए। सेल्फ ब्रेस्ट एक्सामिनेशन द्वारा गांठों का पता लग जाता है। ये गांठें हैं तो इनकी जांच तुरंत करानी चाहिए। अगर गांठों के कैंसरस होने की पुष्टि हो जाती है तो फिर सही समय से उसका इलाज संभव है। इस मौके पर संस्कृति पैरा मेडिकल के छात्र, छात्राओं के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक भी उपस्थित रहे। इस मौके पर कैंसर के प्रति जागरूक करने वाली एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
संस्कृति विवि में कैंसर दिवस पर विद्यार्थियों को किया जागरूक
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