मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर फलदार व छायादार पौधा का वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को धरा को हरा-भरा बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करने की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं। पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। कुलपति प्रो एम बी चेट्टी की अगुवाई में विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर में अनेक पौधों का रोपण किया। कुलपति ने कहा कि ये पौधे बड़े होकर एक दिन हमको जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करेंगे। धरती पर बढ़ती गर्मी से तभी निजात मिलेगी जब पृथ्वी पर हरियाली होगी। इस दिशा में हमारा छोटा सा प्रयास बहुत बहुमूल्य है। उन्होंने कहा कि हमारे कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता की बड़ी सोच के कारण ही आज हमारा विवि इतना हरा-भरा है। हमें अपने आसपास के पर्यावरण को और सुदंर बनाना है।
विश्वविद्यालय की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रकृति जीवों को जीवन जीने के लिए हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण के लिए सार्थक पहल करनी होगी। संस्कृति विवि के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डी.एस.तोमर ने बताया कि पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 को आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में सम्मेलन हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर सम्मेलन के पहले दिन को इंगित करते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर पर नामित कर लिया। कार्यक्रम का संयोजन असिस्टेंट डीएसडब्लू गौरव सरवांग ने किया। विश्वविद्यालय के छात्र, छात्राओं सहित एनसीसी कैंडिडेट्स ने अनेक फलदार व छायादार पौधों को रोपित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, पवन कुमार शर्मा, अंकित शर्मा, प्रांशु चौहान, पूनम, हर्षिता सैनी, मोहित नंदन, सचित पाल, सूर्य प्रताप, अमित, संजना आदि छात्र, छात्राओं सहित शिक्षक गण उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय में पर्यावरण दिवस पर लगाए सैंकड़ों पौधे
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