Friday, September 20, 2024
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अब जीएलए विश्वविद्यालय से करें फार्म डी पाठ्यक्रम

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से जीएलए फार्मेसी विभाग को डाॅक्टर ऑफ फार्मेसी (फार्म डी) पाठ्यक्रम के लिए मिला अनुमोदन


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च विभाग में डीफार्म, बीफार्म और एमफार्म (फार्माकोलाॅजी एवं फार्मास्युटिक्स) कोर्स संचालित हैं। अब जीएलए के फार्मेसी विभाग को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई), नई दिल्ली से फार्म डी पाठ्यक्रम के लिए अनुमोदन मिल गया है, जिसमें प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।

विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी ने बताया कि पिछले माह जीएलए के फार्मेसी विभाग को एनआईआरएफ रैंक में 53वां स्थान हासिल हुआ है। हाल ही में पीसीआई, नई दिल्ली ने जीएलए विश्वविद्यालय के महत्वाकांक्षी फार्म डी पाठ्यक्रम में 30 सीटों के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी है। इस पाठ्यक्रम में 12वीं पीसीएम/पीसीबी पास छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 6 वर्ष के इस पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए 5 वर्ष का एकेडमिक अध्ययन और एक वर्ष की इंटर्नशिप शामिल है।

विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू ने बताया कि फार्म डी कार्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी क्लीनिकल फार्मेसी के क्षेत्र में अच्छे पैकेज के साथ आसानी से रोजगार पा सकेंगे। क्योंकि इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को हाॅस्पीटल में ट्रेनिंग का प्रावधान रखा गया है।
विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक अध्ययन में बीफार्म जैसे ही विषय शामिल हैं। इसके अलावा फार्मेसी प्रेक्टिस विषयों पर जोर दिया जाता है। जिनमें अस्पताल, सामुदायिक फार्मेसी, फार्माकोथेरेप्यूटिक्स, क्लिनिकल फार्मेसी, बायोस्टैटिस्टिक्स और रिसर्च मेथोडोलॉजी, क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी, क्लिनिकल रिसर्च, फार्माकोएपिडेमियोलॉजी, फार्माकोइकोनॉमिक्स, क्लिनिकल फार्माकोकाइनेटिक्स और फार्माकोथेरेप्यूटिक ड्रग मॉनिटरिंग आदि शामिल हैं। पाठ्यक्रम के पांचवें वर्ष में उम्मीदवार को छह महीने के लिए एक प्रोजेक्ट कार्य करना होता है।

प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने विश्वविद्यालय से विद्यार्थी को मिलने वाले रोजगार पर जोर देते हुए कहा कि फार्म डी डिग्री लेने के बाद उच्च फार्मा कंपनियों में विद्यार्थियों को अच्छे अवसर मिलेंगे। फार्मेसी के विभिन्न क्षेत्रों फार्माको विजिलेंस, हाॅस्पीटल, रिसर्च सेंटर, क्लीनिकल रिसर्च, डाटा मैनेजमेंट, एनालिटिकल कैमिस्ट आदि में फार्म डी विद्यार्थियों की आवश्यकता रहती है। फार्म डी भविष्य में भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। यह पाठ्यक्रम फार्मासिस्टों को भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अधिक प्रमुखता से काम करने का अवसर देगा। इस पाठ्यक्रम को करने के बाद पासआउट होने वाले विद्यार्थियों को विदेशों में भी शानदार रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा जिस प्रकार पीएचडी करने पर नाम के आगे डा. जोड़ा जाता है, ठीक उसी प्रकार फार्म डी की डिग्री लेने के बाद छात्र नाम के आगे डा. लगा सकेगा।

जीएलए में मनायी भगवान विष्वकर्मा की जयंती

मथुरा: प्रतिवर्ष की भांति जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कई अन्य विभागों सहित पाॅलीटेक्निक संस्थान में भगवान विष्वकर्मा की जयंती मनायी गयी। रीतिरिवाज और मंत्रोच्चारण के मध्य प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान एवं प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता सहित विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने हवन-पूजन के साथ विभागों में स्थापित यंत्रों की पूजा की।
प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान ने वैदिक पद्धति से पूजन के साथ को उनके कार्यो व यंत्रों के प्रति रख-रखाव व श्रद्धा भाव रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सभी प्रकार की मशीनें व कम्प्यूटर्स इत्यादि का सही इस्तेमाल ही उनकी पूजा है। आप सभी यंत्रों का सदुपयोग करें और इनके रख-रखाव का ध्यान रखें, क्योंकि इन्हीं यंत्रों से किसी को ज्ञान की प्राप्ति होती है, तो किसी को रोजगार मिलता है।

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