Friday, October 18, 2024
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ब्रज का प्रत्येक राज कण साक्षात राधा कृष्ण – रमेश बाबा

राधा रानी ब्रज यात्रा के तृतीय दिवस में जब यात्रा ने प्रातः प्रस्थान किया तो यात्रा संचालक पद्मश्री रमेश बाबा ने यात्रियों को संबोधित करते हुए ब्रजरज का माहात्म्य कथन किया और वे बोले कि ब्रजवसुंधरा का प्रत्येक राज कण राधा माधव का ही स्वरूप है ।इस की प्राप्ति के लिये ब्रह्मा शंकर भी तरसते रहते हैं । ब्रह्माचल व सखी गिरि पर्वत के मध्य रेतीली भूमि होने से सभी यात्री धूल धूसरित होरहे थे ;इसी अद्भुत दृश्य ने बाबा को प्रेरित कर दिया कि बाबा इस धूल की महिमा का वर्णन करें ।राज में स्नान करते हुए यात्री सखी गिरि की चोटियों पर राधा माधव की लीलाओं के साक्षी विविध लीला चिन्हों के दर्शन से आनंद विभोर हुए । हाथी का पैर ,गाय का खुर ,लकुट,दूध कटोरा ,चित्र विचित्र शिला आदि लीला चिन्ह पुरातन काल की लीलाओं के प्रमाण स्वरूप हैं । यहीं सखी कूप भी है ।
इसके पश्चात यात्री देह कुंड पर पहुँचे ।कुंड में आचमन करके ललिता अटा चढ़े तथा दाऊ जी के दर्शन करते हुए सूर्य कुंड पहुँचे जहां यात्रियों को बालभोग कराया गया । यात्री नांचते गाते प्रिय कुंड के दर्शन कर वृषभानु कुंड और कीर्ति कुंड पहुँच कर आत्मतृप्त हुए। बरसाना की गलियों से निकले तो ब्रजवासियों ने बाबा और यात्रियों का पुष्प वर्षा तथा माला दुपट्टा आदि से भव्य स्वागत किया। इसके बाद चित्रा सखी मंदिर माहेश्वर कुंड दोहिनी कुंड माताजी गोशाला होते हुए अपने पड़ाव पर पहुँचे जहां भक्त शरणजी ने सभी स्थलों का माहात्म्य निरूपण किया ।ब्रज शरण जी नृसिंह दासजी राजकुमार जी राधा कान्त शास्त्री संजय सिंह प्रभु दास भगवत भक्त जी आदि सभी यात्रा के साथ चल रहे थे ।बरसाना में राधा कान्त शास्त्री ने भगवन्नाम प्रभात फेरी नित्य धूम धाम से निकालने का अनुरोध किया ।

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