- ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार बहाल होने से अन्य ग्राम प्रधानों ने खुशी की लहर
रिपोर्ट – राघव शर्मा
बरसाना – योगी सरकार द्वारा नगर पंचायत बरसाना में शामिल किए गए 11 गांवों में से एक ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार को हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद अन्य ग्राम प्रधानों के चेहरे पर भी खुशी की लहर दौड़ आई है। फिलहाल प्रशासन ने लिखा पढ़ी में ग्राम प्रधान को उनके अधिकार नहीं दिए है।
13 अक्तूबर 2022 को योगी सरकार ने अधिसूचना जारी कर बरसाना नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया था। जिसमें 11 गांवों को शामिल किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से बरसाना देहात, गाजीपुर, संकेत, आजनोख, श्रीनगर, करहला, चिकसोली, मानपुर, डभाला, खोर, ऊंचागांव को शामिल किया गया। वहीं ग्राम पंचायत बरसाना देहात की प्रधान बीना देवी सहित अन्य प्रधानों ने उक्त अधिसूचना के खिलाफ आपत्ति जाहिर की थी, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने उक्त गांवों को नगर पंचायत में शामिल कर लिया। जिसके बाद उक्त अधिसूचना के खिलाफ प्रधान बीना देवी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसमें बिना देवी ने तर्क दिया है कि उनकी ग्राम पंचायत में 80 प्रतिशत लोग गरीब है। धार्मिक क्षेत्र में भी बरसाना देहात की खुद की पहचान है। वहीं सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट के ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार को बाहर करने के आदेश शासन को दिया है। जिसके बाद उक्त आदेश की प्रति लेकर प्रधान बीना देवी ने जिलाधिकारी व पंचायत राज अधिकारी से मुलाकात की। प्रधान प्रतिनिधि दीपू पंडित ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर पंचायत राज अधिकारी ने उनके अधिकार फिलहाल मौखिक रूप से बहाल कर दिए है। दस दिन के अंदर लिखा पढ़ी में पूरे अधिकार बाहर करने की बात कही। वहीं हाईकोर्ट के आदेश पर ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार बहाल होने के चलते अन्य ग्राम प्रधानों के चेहरे पर भी खुशी की लहर है। उन्हें भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है कि जल्द उनके भी अधिकार बहाल हो सकते है।