Saturday, November 23, 2024
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बलदेव रजवाहा की सफाई कराई या आफत टराई, पानी आने के बाद डर के साये में रहेंगे किसान

  • आखिर किसानों मांग की और निरीक्षण करने के लिए एक बार भी क्यों नहीं आ रहे अधिशासी अभियंता
  • किसानों से बोले रहे जेई जो अधिशासी अभियंता कहेंगे वो करेंगे

बलदेव : निचली मांट ब्रांच गंग नहर से निकलने वाले बलदेव रजवाहा की बीते दिनों सफाई कराई गई है। सफाई ऐसी है कि बैक साइड पटरियां खुद बयां कर रही हैं कि वह कमजोर हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने एक बार भी निरीक्षण करने की नहीं सोची। जबकि खेतों में किसानों की रबी की फसल दिखाई देने लग गयी है।

किसानों के खेत में सरसों, आलू और रबी की फसलें दिखाई देने लग गयी हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारी अभी तक चेते नहीं हैं। बलदेव रजवाहा की बीते दिनों जिस प्रकार सफाई कराई गई है, उसमें झोल ही झोल हैं। बैक साइड की पटरियां देखने पर बयां करती हुईं देखी जा सकती हैं कि वह कितनी कमजोर हालात में हैं। पटरी सीमेंट उखड़ कर अलग हो गया है। खडैरा गांव के समीप बीते माह पटरी टूट गयी, जिससे ज्वार की फसल जलमग्न हो गयी थी। किसान बोरों में मिट्टी भरकर जैसे-तैसे पार पायी। इसके बावजूद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे ठीक कराना उचित नहीं समझा। आज मिट्टी के बोरे में बैक साइड की टूटी पटरी की तरफ लगे हैं।

किसान वीरेन्द्र कहते हैं कि क्या यह मिट्टी के बोरे लंबे समय तक चलेंगे। रजवाहा में पानी आने के बाद यह कमजोर हो जायेंगे पानी फिर से खेतों रिसने लगेगा और आलू की फसल को नुकसान की आशंका है। अधिकारियों से इस ओर ठीक से ध्यान देने की जरूरत है। जब सफाई कराई गई तभी इस पर काम होना था, लेकिन नहीं। आधे अधूरे काम को छोड़कर किसानों को लॉलीपॉप पकड़ायी गयी है। इससे ऐसा साबित होता है कि रजवाहा की सफाई कराई है या आफत टराई है।

किसान श्रीराम बौहरे कहते हैं कि किसानों के हित सरकारें काम कर रही हैं, लेकिन अधिकारी उसे आईना दिखाना चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं हैं तो किसानों को मांगों को और उनको सुगम रास्ता देने में क्या आपत्ति है।

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