कोसीकलाँ कहने को तो कोसी में कोतवाली है जिसके अंतर्गत 8 चौकियां 55 गाँव आते है लेकिन इसके रखरखाव के लिए किसी की कोई जिम्मेदारी नही है पूर्व तैनात रहे थाना प्रभारी एस के सिह ने कोसी के समाजसेवियों का सहयोग लेकर मुख्य द्वार का सौन्दर्यकरण कराया था वही पूर्व में रहे थाना प्रभारी रहे अमित कुमार, अनुज राणा अरुण बालियान ने पूरे थाना परिसर की साज सज्जा एवं पेड़ पौधों के रखरखाव की व्यवस्था की। जब सभी थानों का सुंदरता का उत्तर प्रदेश में आकलन किया गया तो कोसीकला थाने को पहला स्थान दिया गया। अधिकारियों ने भूरी भूरी प्रशंसा की। पूर्व रहे अधिकारियों के स्थानांतरण हो जाने पर किसी ने भी रखरखाव की जिम्मेदारी नही ली। जिसके कारण कोसीकलाँ कोतवाली के हालात बद से बद्दर हो गए चारों ओर गन्दगी दिखाई देती है फरियादियों के बैठने के लिए रखी हुई स्थाई कुर्सियों पर पक्षियों की गंदगी और धूल पड़ी रहती है मुख्य द्वार के पास फरियादियों के लिए बनाया गया नया टॉयलेट पूरी तरह टूट चूका है टॉयलेटों से गन्दा पानी बाहर बह रहा है AC एवं शीशों पर धूल जम रही है
इतना ही नही मेन गेट पर लगा थाना कोसीकलाँ का बिजली का बोर्ड नेम पट्टिका कई महीनों से टूट कर हादसे को शिकार देने के लिए लटक चुकी है कभी भी टूटकर नीचे गिरी तो बड़ा हादसा होने की संभावना बनी हुई है जबकि थाना कोसीकलाँ पर तैनात समस्त पुलिस कर्मी इसी के नीचे से निकलकर प्रतिदिन के कार्यो को अंजाम देते हैं लेकिन थाना प्रभारी सहित थाना पुलिस इस टूटे हुए बोर्ड से जानकर अनजान बनी हुई है ओर देखने के बाद अनदेखी कर रहे है। आला अधिकारी भी रोजाना इसको देखकर चले जाते हैं। आपको बता दें कि बोर्ड के नीचे बनाई गई पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिसमें से लोहे की सरिया निकल रही है लेकिन थाना पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं गया। गौरतलब है कि अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी बड़े हादसे होने का अंदेशा होने से इनकार नहीं किया जा सकता अब देखना है यह है कि थाना पुलिस कितने दिन में इन कमियों पर कितने दिनों में संज्ञान लेती हैं।