- छात्र-छात्राओं ने ट्रेनर रमन तिवारी से हासिल की ए.आई. की तकनीकी जानकारी
मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से उभरता क्षेत्र है। इसके प्रयोग जहां रोजमर्रा के जीवन में सुधार ला रहे हैं वहीं युवा पीढ़ी के लिए बेहतरीन करियर की सम्भावनाएं भी बन रही हैं। ए.आई़. की मदद से पूरी शिक्षा प्रणाली और शिक्षण तकनीक को फिर से डिजाइन करना तथा सुधारना सम्भव है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय वर्कशॉप में डुकैट सर्टिफिकेट ट्रेनर रमन तिवारी ने एमसीए प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को बताईं।
पांच दिवसीय वर्कशॉप में ट्रेनर रमन तिवारी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जीवन में अहम बताया। उन्होंने कहा कि आई.टी. के छात्र-छात्राओं के लिए ए.आई. बहुत महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित करने के लिए किया जाता है। ए.आई़. तकनीक का इस्तेमाल शॉपिंग सेंटर या ऑनलाइन सर्च इंजन पर सुझाव देने वाले रोबोट के लिए भी किया जाता है। ए.आई. के नवाचारों से कई उद्योगों को बहुत लाभ हुए हैं। क्योंकि इसके तकनीकी प्रयोगों से पूर्वानुमान अधिक सटीक मिलते हैं।
श्री तिवारी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि मौजूदा समय में लगभग 72 फीसदी संगठन ए.आई. का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेशेवर सेवाओं और विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। परिवहन, संचार उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों पर ए.आई. का बहुत प्रभाव है। साथ ही इसका प्रयोग बेहतर ग्राहक अनुभव, स्वचालन, बेहतर निर्णय, अनुसंधान और डेटा जनरेटिव ए.आई., जटिल समस्याओं का समाधान, दोहराए जाने वाले कार्यों का प्रबन्धन त्रुटियों को कम करने, बेहतर व्यावसायिक दक्षता, जॉब मार्केट, अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, ऑटोमोटिव व्यापारिक सूचना, यात्रा और परिवहन, उत्पादन, कृषि क्षेत्र, स्वास्थ, ग्राहक सेवा और कॉल सेण्टर, साइबर सुरक्षा निर्माण, वित्त, सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट, गेम, ई-कॉमर्श आदि क्षेत्रों में हो रहा है।
पाँच दिन तक चली वर्कशॉप में ट्रेनर रमन तिवारी के साथ एमसीए प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने एटीएम विदाउट यूजिंग फंक्सन, कैलकुलेटर, एटीएम यूजिंग फंक्सन, कनेक्टिंग पायथन, वेब स्क्रेपिंग, ए.आई. टूल्स, पायथन लाइब्रेरी, डाटाविजुअलाइजेशन, कैट एण्ड डॉग डिटेक्शन आदि पर गहन मंथन किया। छात्र-छात्राओं ने ट्रेनर तिवारी से ए.आई. तकनीक के प्रयोग तथा तकनीकी बारीकियों को भी समझा।
संस्था के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जिसमें स्मार्ट मशीनें इस तरह से बनाई जाती हैं कि वे इंसानों की तरह प्रतिक्रिया दें और व्यवहार करें। किसी इंटेलिजेंट सिस्टम, मशीन या रोबोट के निर्माण का उद्देश्य निर्णय करने की प्रक्रिया में सहायता पहुंचाना है जिसका संगठन के पास उपलब्ध डेटा के आधार पर पूरी तरह से विश्लेषण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी इंटेलिजेंट सिस्टम के निर्माण की पूरी प्रक्रिया उसी तरह है जैसे मनुष्य सूचनाओं को मिलाता है और उपयुक्त निर्णय प्रदान करता है। अंतर केवल इतना है कि ए.आई. के मामले में एकत्रित डेटा का विश्लेषण करके निर्णय लिया जाता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि भविष्य में राजीव एकेडमी में इस तरह की कार्यशालाओं पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा तथा अन्य तकनीकी कोर्स में भी इसका आयोजन किया जाएगा। रिसोर्स परसन का स्वागत ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट हेड डॉ. विकास जैन द्वारा पौध भेंटकर किया गया।