Wednesday, February 12, 2025
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श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त होता है : गोविंदानंद

  • परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में आयोजित हुआ आशीर्वाद समारोह
  • छात्रों ने लगाई वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर की कक्षा दशम और द्वादश के छात्रों का आशीर्वाद समारोह उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। समारोह के प्रथम चरण में प्रातः काल सभी छात्रों ने मां सरस्वती के चरणों में प्रणाम करके पारंपरिक रूप से वृंदावन धाम की परिक्रमा के लिए प्रस्थान किया विद्यालय के प्रारंभ से ही यह परंपरा रही है। जब कक्षा द्वादश और दशम के विद्यार्थी ठाकुर श्री बांके बिहारी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एवं श्री वृंदावन की अधिष्ठात्री राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री वृंदावन धाम की परिक्रमा लगाते हैं।
विद्यालय के सभी छात्रों ने आचार्य बंधुओं की सद प्रेरणा से ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल की जय घोष के साथ इस परिक्रमा का शुभारंभ किया। इसके पश्चात विद्यालय में आयोजित द्वितीय चरण में अतिथियों की उपस्थिति में आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। सेवा मंगलम संस्थान के अध्यक्ष स्वामी गोविंदानंद तीर्थ ने बालकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त होता है और स्वस्थ्य शरीर मन और आत्मा का सम्मिलन ही श्रेष्ठ नागरिक का निर्माण करता है।परमज्ञान की आधार भूमि को निर्मित करने वाले आचार्य सदैव आदरणीय और उनके प्रति आस्था रखकर ही विद्यार्थी जीवन के सत्य को प्राप्त कर पाता है।
विद्यालय के प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि राष्ट्र रक्षा का बल हमारे छात्र जीवन में हमारे हृदय में अंकुरित होना ही चाहिए और विद्या भारती विद्यालयों की परंपरा का पालन करते हुए यह शक्ति जो हमारे अंदर प्रसुप्त पड़ी है उसे जागृत करना भी हम सब का दायित्व है। हम एक गौरवशाली परंपरा का आधार हैं और इसे आगे ले जाने का दायित्व भी हमारा है।
आचार्य कपीश्वर कृष्ण ने छात्रों को परीक्षा हेतु आवश्यक सावधानियां बरतने और अपनी तैयारी को अत्यधिक प्रभाव शाली बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए। उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अनुशासन एवं श्रद्धा को हृदय में धारण करते हुए इस परीक्षा रूपी यज्ञ में अपने कर्म की आहुति देंगे तो इसका परिणाम आनंददायक ही प्राप्त होगा। आचार्य देवेंद्र गौतम ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करते हुए स्वागत किया एवं समारोह का संचालन हिंदी विभाग प्रमुख आचार्य रविंद्र पांडे द्वारा किया गया।

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