- कृषि से आय दोगुनी करने की चुनौती पर चिंतन
- बदलती परिस्थितियों में किसानों को ट्रेनिंग की जरूरत
मथुरा। विश्व रेडियो दिवस पर आकाशवाणी स्टूडियो में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। किसानों की आय दोगुनी करने की वचनबद्धता एवं कृषि क्षेत्र की चुनौती विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में निष्कर्ष निकाला कि तकनीक, प्रजातियां, पर्यावरणीय परिस्थितियों के बदलाव के चलते हर स्तर पर किसानों को ट्रेन्ड करने के लिए स्कूल खोलने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि बगैर ट्रेनिंग के पुराने तरीकों से खेती लाभकारी नहीं होगी। आधुनिक मशीनें, रसायन, बीज किस्मों से अच्छा उत्पादन भी ट्रेन्ड किसान ही ले सकते हैं। सरकार का मुंह ताकने से ही काम नहीं चलेगा। किसानों को ताश-पत्ता खेलने में समय को जाया करने से बचना होगा। प्रसंस्करण की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
प्रगतिशील किसान सुधीर अग्रवाल ने कहा कि खेती की जमीन बेचने की किसानों की आदत उन्हें सड़क पर ला रही है। जमीनें करोड़ों बिकती हैं लेकिन किसान व्यापार करना नहीं जानते लिहाजा जमीन और करोड़ दोनों से हाथ धो बैठते हैं।
जीएलए विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डाक्टर विकास राणा ने कहा कि सरकार को देशों की मांग के अनुसार निर्यात होने और अच्छी कीमत मिल सकने वाली जिंस लगाने की नीति पर काम करना चाहिए। एम एस पी पर सरकार समूचे अनाज नहीं खरीद सकती। किसानों को बहुत अधिक गंभीर होकर खेती करनी होगी। खेती के उत्पादन का प्रसंस्करण और मार्केटिंग में भी हाथ-पैर चलाने होंगे। प्रगतिशील किसान संजय गुप्ता ने सब्जी उत्पादन, विजय सिंह ने पशुपालन व शिवराम सिंह ने समूह बनाकर मार्केटिंग आदि से सतत आय की संभावनाओं पर विचार रखे। गोष्ठी का संचालन वीरेंद्र व दिलीप कुमार यादव ने किया। कार्यक्रम प्रमुख विजय सिंह नौलखा ने विशेषज्ञ व किसानों का स्वागत किया।