Wednesday, April 30, 2025
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पुलिस के हत्थे चढ़ा कुख्यात आटो लिफ्टर, हरियाणा, दिल्ली सहित कई थानों में दर्ज है मुकदमें

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मथुरा। कोसीकलां पुलिस ने 2 जनवरी को शालीमार रोड और हनुमान मंदिर के पीछे आबादी में एक बाड़े से 7 चोरी के आटो बरामद किए थे। इस प्रकरण में अंकित पंडित पुत्र विनोद ग्राम नगला दांती थाना मांट व कुलदीप पुत्र कालीचरण निवासी ग्राम अजीजपुर थाना कोसीकलां को मौके से ही पुलिस ने दबोच लिया था। लेकिन कुख्यात चोर कृष्णगोपाल उर्फ पंडित उर्फ राम लड्डू पुत्र विनोद ग्राम दांती भाग जाने में सफल रहा था। एसएसपी शलभ माथुर ने कृष्ण गोपाल को पकड़ने के लिए 10 हजार का इनाम घोषित कर कोसीकलां थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार को टीम गठित कर फरार अभियुक्त को दबोचने की जिम्मेदारी दी। बीती रात्रि को थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार उप निरीक्षक अजय अवाना, सिपाही सचिन कुमार, राहुल कुमार, अंकित धामा को लेकर कोसीकलां नन्दगाँव रोड पर गश्त में थे। जैसे ही ग्राम जाव के निकट पहुंचे तो नाले की पटरी से एक युवक आता दिखाई पड़ा। शक होने पर पुलिस ने उसे दबोच लिया। तलाशी लेने पर एक 315 का तमंचा व जिंदा कारतूस तथा एक खोखा मिल गया। कड़ाई से पूछताछ में वह टूट गया। तो उसने पुलिस को अपना नाम कृष्ण गोपाल पंडित बताया। जो कि 2 जनवरी को हनुमान मंदिर के पीछे बने बाड़े से फरार हो गया था। सीओ जगदीश कालीरमन ने बताया है कि पकड़े गए कुख्यात चोर कृष्ण गोपाल के खिलाफ देहली, हरियाणा मांट, सुरीर के अलावा विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में करीब तीन दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं।

सीएए के समर्थन में 23 को आगरा में होगी भाजपा की महारैली

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मथुरा। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है उसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगरा में 23 जनवरी को विशाल जन जागरूकता रैली आयोजित की जाएगी जिस की सभी तैयारियां शुरू कर दी गई है।
23 जनवरी को आगरा के कोठी मीना बाजार में आयोजित होने वाली रैली के संबंध में बुधवार को भाजपा के जिला कार्यालय पर जिला महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें आगरा में होने वाली रैली के संबंध में पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई और अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने के लिए रणनीति तैयार की गई।
बैठक में मुख्य रूप से रैली प्रमुख नरेंद्र सिकरवार सह रैली प्रमुख राज यादव राजवीर चौधरी संपर्क अभियान प्रमुख प्रदीप गोस्वामी मोहनलाल, वाहन प्रमुख राजू यादव, वाहन प्रमुख गजेंद्र चैधरी जल व भोजन प्रमुख सुनील चतुर्वेदी हेमंत अग्रवाल ,प्रचार प्रसार प्रमुख अनिल खंडेलवाल राघव अग्रवाल जिला मीडिया प्रभारी श्याम चतुर्वेदी, सोशल मीडिया प्रभारी कुंज बिहारी प्रशासनिक कार्य प्रमुख सुनील चतुर्वेदी हेमंत अग्रवाल सामाजिक संगठन संपर्क प्रमुख चंद्रपाल कुंतल वाहनों पर बैनर स्टीकर प्रमुख अनिल खंडेलवाल नितिन शर्मा बंटी कौशल आदि को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

नगर निगम ने जारी की बड़े बकायेदारों के नामों की सूची, इन नामों को पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे

मथुरा। नगर निगम ने अपने बड़े बकायेदारों की सूची जारी कर दी है। इनमें कई नाम ऐसे है जो पैसों वालों में शुमार किए जाते है लेकिन वो निगम का बकाया देेने में आनाकानी कर रहे है। बहरहाल निगम इन बकायेदारों की सूची चौराहों, तिराहों पर चस्पां करने जा रहा है।

आगरा विश्वविद्यालय के 81 काॅलेजों ने नहीं भरी परीक्षा फीस, मथुरा के भी नामचीन काॅलेज शामिल, पढ़िए ऐसे काॅलेजों के नाम

डा. भीमराव अबंेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े 81 प्राइवेट डिग्री कॉलेजों के 48 हजार छात्रों की परीक्षा पर संकट मंडरा रहा है। इन कॉलेजों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में परीक्षा शुल्क जमा नहीं कराया है। इन कॉलेजों को शुल्क जमा करने के लिए 20 जनवरी तक मोहलत दी है। इनकी सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।


डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से 1100 कॉलेज संबद्ध हैं। इनमें साढ़े पांच लाख विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। विश्वविद्यालय में 2020-21 सत्र के लिए परीक्षा फार्म भरवाए जा रहे हैं। इनमें से 81 प्राइवेट कॉलेजों ने परीक्षा शुल्क नहीं जमा किया है, ऐसे में इनके लॉगिन आईडी भी बंद कर दिए गए हैं। ऐसे काॅलेजों में मथुरा के भी कई काॅलेज शामिल है। अब इन काॅलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्र पछता रहे है।

20 जनवरी के बाद प्रति छात्र 500 रुपये जुर्माना

परीक्षा फार्म भरने से वंचित कॉलेजों को 20 जनवरी तक की मोहलत दी है, अगर इस तिथि तक परीक्षा शुल्क जमा नहीं करते हैं तो 21 से प्रति छात्र 500 रुपये जुर्माना अलग से देना होगा। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. गिरिजाशंकर शर्मा ने बताया कि परीक्षा शुल्क के अलावा कॉलेजों को जुर्माने के तौर पर प्रति छात्र 500 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

सरकार के खजाने में नहीं है पैसा, इसलिए अफसरों ने रोक दिया शादियों का कार्यक्रम

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मथुरा। बीते वित्तीय वर्ष में 800 शादियां कराने के लक्ष्य के सापेक्ष समाज कल्याण विभाग को प्रदेश सरकार से 313 शादियों के लिए ही बजट जारी किया गया है। इस पर कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है।
इस योजना में एक जोड़े के लिए अब 51 हजार रुपये जारी किए जाते हैं। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में समाज कल्याण को 313 शादियों के लिए पहली किश्त जारी कर दी गई थी। विभिन्न एनजीओ के माध्यम से समाज कल्याण विभाग ने मथुरा, छाता, गोवर्धन, वृंदावन व आसपास इलाके में 313 जोड़ों की शादियां करा दी।
अब विभाग ने मकर संक्रांति पर नौहझील में 101 जोड़ों की शादियों के लिए विभिन्न ब्लॉक से पंजीकरण कराए थे। इसमें 50 से अधिक पंजीकरण हो भी गए, लेकिन अब लखनऊ से शादियों के इंतजाम के लिए बजट जारी ही नहीं किया गया है। इसे देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने आनन फानन में कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। जिन जोड़ों की शांदियां होनी थी उन्हें सूचना देकर मना किया गया है।
अब दो, तीन एनजीओ मिलकर किसी शुभ महुर्त में शादी कराने की बात कह रहे हैं। वहीं समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी का कहना है कि शासन स्तर से आगे होने वाली शादियों के लिए फिलहाल पैसा नहीं दिया गया है। जो 313 शादियों का पैसा मिला था, उनका लक्ष्य पूरा कर लिया गया।

वृंदावन में शरण लिए चार पाकिस्तानियों को अब मिलेगी भारतीय नागरिकता

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वृंदावन में रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत की नागरिकता मिलेगी। यूपी सरकार ने जिन 32 हजार शरणार्थियों की सूची केंद्र को भेजी है उनमें ये भी शामिल है। यह पाकिस्तानी नागरिक पिछले चार दशक से यहां शरण लिए हुए हैं।
योगी सरकार की ओर से केंद्र को भेजी गई सूची में चार नाम जिले के वृंदावन से जुड़े हैं। इसमें सबसे वृद्ध 65 वर्षीय राधारानी निवासी कांशीराम कॉलोनी है। इसके अलावा वृंदावन में रसियन बिल्डिंग के निकट निवासी जयाबाई और उनके दो पुत्र आनंद और ऋषिकेश भी सूची में शामिल हैं। यह सभी लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो कई दशक पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे। डीएम ने इस बात की पुष्टि की है।

सरकारी कार्यालयों से नदारद मिले अधिकारी और कर्मचारी, पढ़िए किस कार्यालय से कौन-कौन मिला अनुपस्थित

मथुरा। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, नगर मजिस्टेªट एवं सभी डिप्टी कलेक्टरों के माध्यम से प्रातः 10 बजे विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण कराया। उन्होंने कलेक्टेªट स्थित विभिन्न कार्यालयों के उपस्थिति रजिस्टरांे का स्वयं निरीक्षण किया। श्री मिश्र द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में सुशील कुमार पचैरी चकबन्दी लिपिक, धीरज सिंह लेखपाल, लवकेश सिंह चाहर चकबन्दी लेखपाल अनुपस्थित पाये। इसी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के यहां ताराचन्द, हुकुम सिंह, सत्य प्रकाश सारस्वत, मुकेश कुमार, मनीषा शर्मा, नन्द किशोर यादव, सोमनाथ, शैलेन्द्र रावत, अनिल कुमार आनन्द, गजराज सिंह अनुपस्थित पाये गये।
मुख्य विकास अधिकारी रामनेवास ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में प्रातः 10ः25 पर मारे गए छापे में डा0 धुरेन्द्र कुमार उप कृषि निदेशक, शिरीश चन्द श्रीवास्तव लेखाकार, बन्टी सिंह प्रधान सहायक, विनोद कुमार जीप चालक, अभिषेक अग्रवाल कनिष्ठ सहायक, शिवकुमार कनिष्ठ सहायक, अमित चैधरी कनिष्ठ सहायक, सुनील कुमार चतुर्थ श्रेणी, अफजल अहमद चतुर्थ श्रेणी, गोविन्द पाल चतुर्थ श्रेणी अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार मुख्य विकास अधिकारी को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 57 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये, जिसमें सीएमओ द्वारा अवगत कराया गया कि डा. बीएन खन्ना मेडीकल लीव पर चल रहे हैं एवं दो कर्मचारी संतोष कुमार एवं अमन यादव निरीक्षण के दौरान उपस्थित हुए। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी के स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने कृषि रक्षा कार्यालय, उप संभागीय कृषि प्रसार के यहां भी औचक निरीक्षण किया तथा अनुपस्थित कर्मचारियों के स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बृजेश कुमार ने समाज कल्याण, दिव्यांग, सशक्तिकरण, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहाकारिता, उप निबंधक प्रथम एवं द्वितीय के यहां आकस्मिक छापे मारे, जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के यहां बसीम अहमद, राजेश कुमार, शिवेन्द्र प्रताप, राजवीर सिंह अनुपस्थित पाये गये। इसी प्रकार कार्यक्रम अधिकारी के यहां राशिद अहमद सिद्धकी, दुष्यन्त तौमर, नरेन्द्र कुमार एवं उप निबंधक प्रथम के यहां कुलदीप सक्सेना अनुपस्थित पाये गये।
नगर मजिस्टेªट मनोज कुमार सिंह द्वारा मांट ब्रांच गंग नहर, अपर खण्ड आगरा नहर, सिंचाई निर्माण खण्ड गोकुल बैराज का औचक निरीक्षण किया, जिसमें उन्हें मांट ब्रांच गंग नहर में दुष्यन्त कुमार, रचना कुमारी अनुपस्थित पाये। नितिन कुमार की तैनाती अलीगढ़ जनपद बतायी गई। अपर खण्ड आगरा नहर में राजकुमार, श्रवण कुमार अनुपस्थित पाये गये। इसी प्रकार सिंचाई निर्माण खण्ड में मंजू शर्मा अनुपस्थित पायी गई। ऋषि कुमार की आकस्मिक अवकाश अंकित था, किन्तु प्रार्थना पत्र मांगने पर अवकाश स्वीकृत नहीं था।
डिप्टी कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने जिला सेवा योजन कार्यालय में आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें मनोज कुमार लवांनिया एवं आशीष चन्द्र बंसी अनुपस्थित पाये गये। डिप्टी कलेक्टर कृष्णानन्द तिवारी ने जिला विद्यालय निरीक्षण के यहां आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें रामेश्वर दयाल शर्मा, अंजू शर्मा, संगीता शर्मा, अरूण कुमार लवानिया, देश दीपक, संजय चतुर्वेदी, कृष्ण गोपाल, सुशांत शर्मा, उदवीर सिंह आदि को अनुपस्थित पाया। डिप्टी कलेक्टर श्याम अवध चैहान द्वारा अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण के यहां 04, कृष्णा नगर सबडिवीजन के यहां 04, , बीपीएनएल हेल्प डेस्क के यहां 02, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के यहां 05, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय के यहां 01, कम्प्यूटर आॅपरेटर विद्युत वितरण के यहां 03 एवं ईयूडीसी के यहां 06 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये।

विश्व विद्यालय की परीक्षा में पकड़े गए 18 मुन्ना भाई, दिल्ली, भरतपुर, बरेली, अलीगढ़ से आए थे परीक्षा देने

रवि यादव

मथुरा। डा.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में बड़ी पफर्जीबाड़ा पकड़ में आया है। इन परीक्षाओं में दिल्ली, भरतपुर, बरेली और मथुरा के मुन्ना भाई परीक्षा देते पकड़े गए है।
सोमवार को विश्व विद्यालय के परीक्षा केंद्र राजीव एकेडमी टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट काॅलेज में बीएससी एग्रीकल्चर की परीक्षा थी। परीक्षा के दौरान काॅलेज प्रशासन ने जांच की तो चौंकाने वाली बात सामने आयी। दस्तावेजों की पड़ताल मंे यहां अलग-अलग जिलों से आए 18 ऐसे छात्र पकड़े गए जो दूसरे छात्रों के स्थान पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे। काॅलेज प्रशासन ने इन सभी को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
जो छात्र पकड़े गए है उनमें गौरव पुत्र भिक्की नौहझील, वीरेंद्र पुत्र संतोष चैमुहां, आशुतोष पुत्र विनय नई दिल्ली, गगन पुत्र गोपाल भरतपुर, रामकुमार पुत्र ओमी टप्पल, महिपाल पुत्र भोजराम भरतपुर, प्रशांत पुत्र जितेंद्र अलीगढ़, कुलदीप पुत्र राम मिलन चित्रकूट, प्रशांत पुत्र ब्रह्मदत्त अतरौली अलीगढ़, रोहित पुत्र ठाकुर दास बरेली, रामू पुत्र कन्हैया छाता, महिपाल पुत्र हरीश मथुरा, ऋषि पुत्र इंद्रपाल चित्रकूट, महेश पुत्र राजेंद्र मथुरा, करण पुत्र दिगंबर जैंत, बाॅबी पुत्र सुरेंद्र भरतपुर, अनिल पुत्र शिवचरण कोसी, मुकेश पुत्र रामवीर कोसी है।

दुर्घटना से देर भली के अपने ही नारे को ठेंगा दिखा रही हैं सरकार की रफ्तार बढ़ाने वाली योजनायें

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विजय कुमार गुप्ता

मथुरा। रेल गाड़ियों और सड़क पर चलने वाले वाहनों की दिनोंदिन बढ़ती रफ्तार दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
एक ओर सरकार दुघटना से देर भली का नारा प्रचारित करती है, वहीं दूसरी ओर दिन-प्रतिदिन रेल गाड़ियों की रफ्तार बढ़ा कर शेखी बघारी जाती है कि इतने कम समय में दिल्ली से बंबई, कलकत्ता, मद्रास आदि-आदि स्थानों पर रेल गाड़ी पहुंचेगी।
मुसाफिर भी उसी रेल से सफर करना पसंद करते हैं जो कम से कम समय में गतंव्य तक पहुंचा दे। इस बात पर कोई नहीं सोचता कि तेज रफ्तार की रेलगाड़ियों या सड़क पर चलने वाले वाहनों से कितनी अधिक दुर्घटनायें हो रही हैं?
आज से लगभग 5-6 दशक पूर्व मथुरा से दिल्ली रेलगाड़ियों करीब चार-साढ़े चार घंटे में पहुंचती थीं। उस समय रेलगाड़ियों से लोग कम कटते थे। अब तो न सिर्फ इंसान सब्जी की तरह कट रहे हैं बल्कि निरीह पशुओं की मौत भारी मात्रा में हो रही है इन तेज रफ्तार रेलगाड़ियों से।
यही स्थिति सड़क पर चलने वाले वाहनों की है। रेलगाड़ियों और सड़क पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार आधी से भी कम होनी चाहिये तभी दुर्घटना से देर भली का नारा सार्थक हो सकेगा।
कई दशक पूर्व मुझे महाराष्ट्र में नैरोगेज की रेलगाड़ियों में बैठने का मौका मिला। मैंने देखा कि वह इतनी कम रफ्तार में चलती थी कि उस रेलगाड़ियों के किसी यात्री को प्यास लगे तो रास्ते में पड़ने वाले नल पर चलती गाड़ी से उतर कर पानी पीले और दौड़ कर फिर गाड़ी में बैठ जाये। खैर अब तो नैरोगेज (सबसे छोटी रेल लाइन) काफी समय पूर्व ही बंद हो चुकी है।
सरकार और जनता को सोचना चाहिये कि तेज रफ्तार ज्यादा अच्छी या जिंदगी? शायद लोग यही उत्तर देंगे कि जिंदगी ज्यादा कीमती है।
रेलगाड़ियों की रफ्तार तेज करके शान दिखाने के बजाय रफ्तार घटाकर जान बचाने की शान ज्यादा सार्थक होगी। इसी प्रकार सड़क पर चलने वाली गाड़ियों में ऐसा सिस्टम होना चाहिये जो सौ किलोमीटर की रफ्तार से अधिक गाड़ी चल ही न सके।
शायद लोग इस बात पर हंसेंगे और मजाक बनायेंगे लेकिन जब कभी हंसने और मजाक बनाने वालों पर बीतेगी तब वे इस बात का मर्म समझेंगे। जब किसी का घर उजड़ता और बिगड़ता है तब उसपर जो बीतती है, उसे वही जानता है। उन बेचारे निरीह पशुओं की जान भी तो कम कीमती नहीं है जो रोजाना हजारों की संख्या में काल के गाल में समा रहे हैं तथा अंग-भंग होकर तड़प-तड़प कर मर रहे हैं।
इस तीव्र गति के युग से तो बैलगाड़ी युग लाख गुना ज्यादा अच्छा था।

बाबा जयगुरुदेव की मौत पर उठाए सवाल, बताया षडयंत्र, जयगुरूदेव धर्मप्रचारक संस्था के उपाध्यक्ष रामप्रताप के आरोप

मथुरा। बाबा जयगुरुदेव महाराज का निधन स्वाभाविक नहीं था। वह अपने निकटस्थ धोखेबाज लोगों के षड्यंत्र का शिकार हुए हैं। धोखेबाजों का लक्ष्य उत्तराधिकारी बनकर संस्था और ट्रस्ट की संपत्तियों पर कब्जा करना था। षड्यंत्र में तत्कालीन सत्तारुढ़ पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल रहा है। उक्त आरोप संत स्वामी तुलसीदास महाराज और जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के उपाध्यक्ष रामप्रताप ने लगाए है।
उन्होंने बताया कि 18 मई 2012 को मेदांता हॉस्पिटल ने बाबा जयगुरुदेव को डिस्चार्ज करके अन्य अस्पताल ले जाने को कहा था, लेकिन चरण सिंह और पंकज यादव वेंटीलेटर एंबुलेंस से सीधे मथुरा ले आए। यहां पर रात को बाबा के देह त्यागने की घोषणा कर दी, जबकि बाबा जयगुरुदेव को विदेश भी एयर एंबुलेंस से ले जाकर बढ़िया इलाज कराया जा सकता था।
तत्कालीन सत्तारुढ़ पार्टी के इशारे पर पंकज यादव को काबिज करा दिया गया, जबकि पंकज का संस्था और ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है। पंकज यादव के साथ उमाकांत तिवारी भी कब्जा करने में शामिल रहे। अधिवक्ता प्रदीप राजपूत ने बताया कि पंकज यादव और उमाकांत तिवारी संस्था के बैंक खातों का बखूबी इस्तेमाल करते रहे। वहीं नए खाते भी खुलवाकर संचालन कर रहे हैं। स्वयंभू संस्था का पदाधिकारी बताकर यह षड्यंत्र रचा गया।