Tuesday, April 29, 2025
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चित्र परिचयः दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष संस्कृति विवि के प्रतिनिधि को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करते हुए।

संस्कृति विश्वविद्यालय अफ्रीकी विद्यार्थियों को देगा 500 छात्रवृत्तियां

मथुरा। दिल्ली में आयोजित इंडो-अफ्रीका स्कॉलरशिप घोषणा एवं अकादमिक उपलब्धि पुरस्कार समारोह के दौरान, संस्कृति विश्वविद्यालय ने अफ्रीकी छात्रों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अधिकारी, अफ्रीकी देशों के राजनयिक और अनेक शिक्षाविद उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर रतीश कुमार, प्रमुख (वैश्विक साझेदारी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘इंडिया-अफ्रीका साझेदारी’ पहल को आगे बढ़ाते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से भारत-अफ्रीका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहा है। शिक्षा, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से हम मिलकर एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं। ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के भारत प्रमुख संजीव सेठ ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच शैक्षणिक सहयोग वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बना सकता है। संस्कृति विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी संस्कृति विश्वविद्यालय की इस ऐतिहासिक घोषणा की प्रशंसा करते हुए कहा, “संस्कृति विश्वविद्यालय का यह कदम भारत और अफ्रीकी देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक पुल को मजबूत करेगा। हम विश्वविद्यालय की इस प्रतिबद्धता का हार्दिक स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह पहल दोनों क्षेत्रों के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगी। इस मौके पर ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज की ओर से संस्कृति विवि के प्रो. रतीश कुमार प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच बढ़ते सहयोग की एक सशक्त झलक प्रस्तुत की, जिसमें शिक्षा के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के भविष्य को आकार देने की परिकल्पना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

के.डी. डेंटल कॉलेज के वार्षिक समारोह में मेधावी और खिलाड़ी सम्मानितमथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने बढ़ाया भावी दंत चिकित्सकों का हौसलापीजी टीम ने जमाया ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की बुधवार की शाम भावी दंत चिकित्सकों के नाम रही। अवसर था कॉलेज के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का। कॉलेज के आडिटोरियम में उत्साह और उमंग के बीच करतल ध्वनि के बीच लगभग चार घंटे तक चले समारोह में मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल तथा कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी के करकमलों से शैक्षणिक, खेल, सांस्कृतिक तथा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा चैम्पियंस ट्रॉफियां प्रदान कर सम्मानित किया गया। वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती वंदना से हुआ।
डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने कॉलेज की सालभर की गतिविधियों की रिपोर्ट पेश करने से पहले मुख्य अतिथि मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग तथा विशिष्ट अतिथि मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल का स्वागत किया। समारोह में छात्र-छात्राओं ने जहां एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर अपने हुनर का रंग जमाया वहीं अतिथियों ने लगभग एक पखवाड़े तक चली खेल गतिविधियों को चलचित्र के माध्यम से देखकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन की दिल खोलकर प्रशंसा क
पुरस्कार वितरण समारोह में पीजी टीम को ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी देने के साथ ही स्पोर्ट्स-स्पर्धा की विजेता ट्रॉफी भी प्रदान की गई। कल्चरल इवेंट की विजेता ट्रॉफी बीडीएस तृतीय वर्ष के नाम रही। ओवरआल बेस्ट खिलाड़ी के पुरस्कार पीजी के डॉ. अपूर्व तथा बीडीएस द्वितीय वर्ष की श्रुति ने जीते। इसी तरह संकाय सदस्यों के बीच हुई विभिन्न खेल स्पर्धाओं में उत्कृष्ट और दमदार प्रदर्शन करने के लिए डॉ. ओमकार तथा डॉ. नेहा को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा गया। इस अवसर पर संस्थान के टॉपर छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने अपने सम्बोधन में सभी विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हर व्यक्ति जीवन में किसी न किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य तय करता है लेकिन सफलता उसे ही मिलती है जोकि मेहनत करता है। श्री गर्ग ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने कॅरिअर पर पूरी तरह फोकस करें जिससे इस संस्थान से अच्छे डॉक्टर बनकर निकलें। उन्होंने कहा कि खेल जीवन के लिए नितांत जरूरी है। खेलों से न केवल शारीरिक व मानसिक विकास होता है बल्कि व्यक्तित्व का भी विकास होता है। युवा खेलों के माध्यम से समाज को कुरीतियों तथा अनेक प्रकार के व्यसनों से सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाने का आह्वान किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों की अच्छे आयोजन के लिए सराहना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी दिनचर्या में खेलों को जरूर अहमियत दें ताकि उनका तन और मन स्वस्थ रहे। अंत में डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने संकाय सदस्यों डॉ. विनय मोहन, डॉ. हस्ती कनकेरिया, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. उमेश, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. अनुज गौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा, लोकेश शर्मा, राहुल सोलंकी, लक्ष्मीकांत चौधरी आदि की अच्छे और सफल आयोजन के लिए मुक्तकंठ से प्रशंसा की। डॉ. लाहौरी ने संकाय सदस्यों की खेलों में अभिरुचि और प्रदर्शन की भी सराहना की। कार्यक्रम का संचालन अदिति अग्रवाल एवं अदिति शर्मा ने किया। आभार डॉ. उत्कर्ष ने माना।
चित्र कैप्शनः अतिथियों के साथ ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता पीजी टीम। दूसरे चित्र में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करने के बाद मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल, कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा अन्य संकाय सदस्य। तीसरे चित्र में मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग का स्वागत करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल साथ में हैं प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी।

उल्टा न पड़ जाए निलंबित डीपीआरओ का स्वागत सत्कार करना

रिश्वत लेने के आरोप में जिला कारागार मेरठ में निरुद्ध निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी के जमानत पर रिहा होते ही उनकी सरपरस्ती में फलफूल रहे अधीनस्थों में खुशी की लहर दौड़ गई। यही नहीं रिहाई के बाद उन्हें लेने के लिए जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत सचिव, प्रधान और ठेकेदार मेरठ पहुंचे।अब मेरठ जिला कारागार के बाहर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।जिन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चा चल रही हैं।
दरअसल 4 फरवरी को डीपीआरओ को रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस लखनऊ की टीम ने गिरफ्तार कर मेरठ जेल भेज दिया था। निचली अदालत से उनकी जमानत निरस्त होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद 3 अप्रैल को उनकी जमानत सशर्त मंजूर कर दी थी। इसी जमानत आदेश के आधार पर मंगलवार शाम को किरन चौधरी को मेरठ जेल से रिहा किया गया।यह खबर उनके लोगो को मिली तो वह मेरठ जेल के बाहर उन्हें रिशीव करने पहुंच गए जहां फूल मालाओं से स्वागत का फ़ोटो वायरल हो रहा है । फ़ोटो में जनप्रतिनिधि ठेकेदार और सरकारी कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं।जो कि जिला छोड़कर वहां पहुंचे हैं।अब इन सरकारी मुलाजिमों के बिना बताए जिला छोड़े जाने के मामले में उच्चाधिकारी संज्ञान ले सकते हैं।निलंबित डीपीआरओ का स्वागत मेरठ जेल के बाहर के साथ साथ यमुना एक्सप्रेसवे और चंद्रपुरी में भी किया गया है।जबकि इनमें शामिल पंचायत सचिव ऐसे हैं जिनकी ड्यूटी अन्य ब्लॉकों में हैं तो वह अपना कार्यक्षेत्र छोड़कर निलंबित डीपीआरओ के स्वागत सत्कार में कैसे पहुंचे,इन्हीं को लेकर राजनेताओं सहित अन्य लोगों के बीच चर्चाओं का दौर चल रहा है।

इनोवोर्क राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को बनाएगी आईटी विशेषज्ञदोनों संस्थानों के पदाधिकारियों ने अनुबंध पत्र पर किए हस्ताक्षर

मथुरा। छात्र-छात्राओं के कौशल विकास के साथ-साथ उन्हें उद्योग-धंधों की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करने के उद्देश्य से राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट तथा इनोवोर्क इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक अनुबंध हुआ है। दोनों संस्थानों के बीच हुए इस अनुबंध से अब छात्र-छात्राओं को वर्तमान मार्केट की डिमांड के अनुरूप तैयार करने में मदद मिलेगी। इनोवोर्क इन्फोटेक प्रा.लि. और राजीव एकेडमी संयुक्त रूप से स्किल बेस्ड प्रतिभा के आधार पर जॉब उपलब्ध कराने की दिशा में भी मिलकर कार्य करेंगे।
अब इनोवोर्क इन्फोटेक प्रा.लि. तथा राजीव एकेडमी के संयुक्त प्रयासों से विशेष शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्र-छात्राओं को आईटी उद्योग के प्रमुख क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने तथा उच्च पैकेज पर रोजगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। दोनों संस्थाएं विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से छात्र-छात्राओं को इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई डिजाइनिंग की अकादमिक व टेक्निकल जानकारी प्रदान करेंगी, इससे उनका व्यावहारिक और अकादमिक ज्ञान बढ़ेगा फलस्वरूप उन्हें कारपोरेट जगत में करिअर बनाने के और अधिक अवसर मिलेंगे
इनोवोर्क इन्फोटेक आईटी क्षेत्र का एक बड़ा नाम है जो उभरते बड़े उद्योगों के परिणामों और रुझानों तथा कार्य पद्धतियों में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। राजीव एकेडमी से हुए अनुबंध के बाद कम्पनी छात्र-छात्राओं को उनकी अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ टेक्निकल ज्ञान को मजबूत करेगी। यह अनुबंध राजीव एकेडमी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को पोषित करने तथा उन्हें उच्च पैकेज पर जॉब दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इनोवोर्क के निदेशक मनु कपूर, सीटीओ नितिन कुमार ने बताया कि उनकी कम्पनी राजीव एकेडमी के साथ छात्र कल्याण के संदर्भ में कार्य करेगी। अनुज गुप्ता ने निदेशक मनु कपूर का समर्थन करते हुए इसे अच्छी पहल बताया है। राजीव एकेडमी के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि अब यहां के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं न केवल आईटी क्षेत्र की गूढ़ बातों से रूबरू होंगे बल्कि अपना करियर बनाते हुए राष्ट्र के विकास में अहम योगदान भी देंगे। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी प्रत्येक विद्यार्थी के कौशल विकास को प्रतिबद्ध है।
डॉ. भदौरिया ने बताया कि इनोवोर्क कम्पनी देश के युवाओं विशेषतः आईटी बैक ग्राउण्ड वाले यूजी और पीजी स्टूडेण्ट्स को बेहतर प्लेटफॉर्म देने का काम कर रही है। यह कम्पनी युवाओं को बड़ी-बड़ी कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब दिलाने में मदद करती है। कम्पनी के पास छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट का उत्तम ट्रैक रिकॉर्ड है। कम्पनी के पास एक समर्पित प्लेसमेंट सहायक और कौशल विकास टीम है। यह कम्पनी देश-विदेश की कई बड़ी और मध्यम आकार वाली कम्पनियों से जुड़ी है। कम्पनी के पास एआई जनरेटिव सुविधा है, जो उद्योग जगत में विश्वनीय मानी जाती है। यह भारत की ऐसी कम्पनी है जो नवप्रवेशितों को टेक्निकली अपस्किलिंग करने का दायित्व निभाती है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने इनोवोर्क के साथ हुए इस अनुबंध को छात्र-छात्राओं के भविष्य के लिए अच्छा संकेत बताया। उन्होंने कहा कि अब छात्र-छात्राओं को केवल अपने सैद्धांतिक व व्यावहारिक अध्ययन को मजबूत बनाना है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह अनुबंध छात्र-छात्राओं के स्वर्णिम करियर को नई दिशा देगा। राजीव एकेडमी के प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कम्पनी प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी समय स्किल्ड बेस प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का है। छात्र कल्याण के लिए यह अभिनव प्रयास है।
चित्र कैप्शनः अनुबंध पत्रों के साथ इनोवोर्क इन्फोटेक प्रा.लि. के निदेशक मनु कपूर तथा राजीव एकेडमी के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया।

योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा से रूबरू हुए चिकित्सकके.डी. मेडिकल कॉलेज में बीसीएमई पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

मथुरा। संकाय सदस्यों को योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा से परिचित कराने, उनके शिक्षण-अधिगम विधियों में सुधार करने तथा मूल्यांकन तकनीकों को बढ़ाने आदि के उद्देश्य से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में मंगलवार को बेसिक कोर्स इन मेडिकल एज्यूकेशन (चिकित्सा शिक्षा में बुनियादी पाठ्यक्रम) पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के आब्जर्वर डॉ. दिनेश कुमार, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के, अशोका, बीसीएमई के समन्वयक डॉ. अमित कुमार जैन आदि ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों तथा डॉ. दिनेश कुमार निदेशक मेडिकल एज्यूकेशन यूनिट मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली की देखरेख में आयोजित बीसीएमई कार्यशाला में 30 संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला की शुरुआत पंजीकरण और समूह गतिशीलता पर केंद्रित एक परिचयात्मक सत्र से हुई, जिसके बाद टीम-निर्माण अभ्यास हुए। डॉ. ए.के. जैन ने प्रतिभागियों को समूह गतिशीलता की प्रमुख अवधारणाओं से परिचित कराया, जिससे कार्यशाला में सहयोगी शिक्षण का शानदार माहौल तैयार हुआ
बीसीएमई कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने सीखने की प्रक्रिया, सीखने के डोमेन और सीखने के सिद्धांतों का पता लगाया, साथ ही योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) ढांचे के भीतर लक्ष्यों, भूमिकाओं और दक्षताओं पर भी चर्चा की। इतना ही नहीं प्रतिभागियों ने विभिन्न शिक्षण-अधिगम विधियों पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें इंटरेक्टिव और छोटी समूह विधियां शामिल थीं। कार्यशाला में मूल्यांकन के सिद्धांतों को भी शामिल किया गया, जिसमें आंतरिक मूल्यांकन और रचनात्मक मूल्यांकन पर विशेष ध्यान दिया गया।
विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं में सीखने के परिणामों को बढ़ाने में प्रभावी प्रतिक्रिया के महत्व पर प्रकाश डाला। पहले दिन प्रतिभागियों के लिए एक ठोस आधार तैयार किया गया, उन्हें समूह की गतिशीलता, सीखने के सिद्धांतों और मूल्यांकन रणनीतियों की व्यापक समझ से लैस किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को शिक्षण और मूल्यांकन कौशल में सुधार की गूढ़ बातें भी बताई गईं। संकाय सदस्यों ने पाठ योजनाएं विकसित करना, मूल्यांकन डिजाइन तथा स्व-निर्देशित शिक्षण और मार्गदर्शन तकनीकों के उपयोग की जानकारी भी हासिल की।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने तीन दिवसीय कार्यशाला पर कहा कि इससे संकाय सदस्यों को मेडिकल शिक्षा तथा चिकित्सा में हो रहे बदलावों की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होगी इससे उनके कार्य और गुणवत्ता में सुधार होगा। कार्यशाला में के.डी. मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा शिक्षा समिति के समन्वयक प्रो. (डॉ.) अमित कुमार जैन तथा पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों प्रो. (डॉ.) वी.पी. पांडेय, प्रो. (डॉ.) मंजू पाण्डेय, प्रो. (डॉ.) विक्रम शर्मा, प्रो. (डॉ.) अम्बरीश कुमार, प्रो. (डॉ.) तेजेन्द्र सिंह, प्रो. (डॉ.) आशुतोष कुमार सिंह, प्रो. (डॉ.) गगन दीप, प्रो. (डॉ.) संगीता सिंह, प्रो. (डॉ.) अमित अग्रवाल, असिस्टेंट प्रो. (डॉ.) मोहर सिंह, डॉ. वंदना बाथम, डॉ. दुष्यंत कुमार आदि ने विभिन्न विषयों में अपने-अपने अनुभव साझा किए।
चित्र कैप्शनः के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में बेसिक कोर्स इन मेडिकल एज्यूकेशन पर आयोजित कार्यशाला में अपने अनुभव शेयर करते हुए डॉ. अमित कुमार जैन, साथ में हैं डॉ. दिनेश कुमार निदेशक मेडिकल एज्यूकेशन यूनिट मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली।

इम्प्लांटोलॉजी का दंत चिकित्सा में विशेष महत्वः डॉ. मिनास लेवेंटिसके.डी. डेंटल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को बताईं इम्प्लांटोलॉजी की गूढ़ बातें

मथुरा। इम्प्लांटोलॉजी दंत चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और विकसित क्षेत्र है जो रोगियों को खोए हुए दांतों को बहाल करने तथा उनकी मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं के निदान में मदद करता है। दरअसल, इम्प्लांटोलॉजी खोए हुए दांतों को टाइटेनियम इम्प्लांट के साथ बदलने की कला और विज्ञान है, जो दंत चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान में डॉ. मिनास लेवेंटिस ने संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. मिनास लेवेंटिस ( डीडीएस, एमएससी, पीएचडी) ने इम्प्लांटोलॉजी कला और विज्ञान: रोजमर्रा की चुनौतियों को सरल बनाना विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इम्प्लांटोलॉजी में वैज्ञानिक सिद्धांतों जैसे कि हड्डी के पुनर्निर्माण और ऊतक के विकास को समझकर, इम्प्लांट को सफलतापूर्वक स्थापित करने तथा बनाए रखने की तकनीकें विकसित की जाती हैं। दंत चिकित्सक को रोगी की विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे कि हड्डी की गुणवत्ता, दंत संरचना और सौंदर्यशास्त्र को ध्यान में रखते हुए उपचार योजना बनानी होती ह
डॉ. लेवेंटिस की जहां तक बात है वह डेंटिस्ट्री में डीडीएस, ओरल सर्जरी में एमएससी/क्लिनिकल स्पेशलिटी और ग्रीस के एथेंस विश्वविद्यालय के डेंटल स्कूल से ओरल पैथोबायोलॉजी में पीएचडी हैं। यह जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय में पीरियोडोंटिक्स और इम्प्लांटोलॉजी में स्नातकोत्तर कार्यक्रम पूरा करने के बाद वर्तमान में मैनचेस्टर (यूके) में आईसीई पोस्टग्रेजुएट डेंटल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल में विजिटिंग लेक्चरर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह ग्रीस के एथेंस विश्वविद्यालय के मेडिकल और डेंटल स्कूल से भी सम्बद्ध हैं, जहां वह प्रायोगिक और नैदानिक दोनों तरह के शोध करते हैं।
डॉ. लेवेंटिस ने बताया कि इम्प्लांटोलॉजी के कई लाभ हैं। इम्प्लांटोलॉजी खोए हुए दांतों को बहाल करने में मदद करती है, जिससे रोगी को बेहतर ढंग से खाने, बोलने और मुस्कुराने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि इम्प्लांटोलॉजी में नई तकनीकों और सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है। कम्प्यूटर-निर्देशित सर्जरी तथा तत्काल इम्प्लांट प्लेसमेंट उपचार को और अधिक सटीक और प्रभावी बनाता है।
डॉ. लेवेंटिस ने छात्र-छात्राओं को आधुनिक इम्प्लांटोलॉजी के महत्वपूर्ण स्तम्भों पर चर्चा करने के साथ बैक्टीरिया नियंत्रण, हड्डी जीव विज्ञान और नरम ऊतक प्रबंधन की बातें बताईं। इसके अलावा उन्होंने जैविक सिद्धांतों के साथ उपचार और एल्वियोलर रिज पुनर्निर्माण को बढ़ाने के सरलीकृत, अच्छी तरह से संरचित प्रोटोकॉल और अभिनव सामग्री पेश करने के उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक इन अवधारणाओं को दैनिक अभ्यास में एकीकृत कर परिणामों को बेहतर कर सकते हैं तथा इम्प्लांट थेरेपी के लिए अपने दृष्टिकोण के लिए ठोस वर्कफ़्लो भी स्थापित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने अतिथि वक्ता डॉ. मिनास लेवेंटिस का स्वागत किया। संस्थान के संकाय सदस्यों डॉ. विनय मोहन, डॉ. हस्ती कनकेरिया, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. उमेश, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत, डॉ. अनुज गौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया आदि ने अतिथि व्याख्यान को दंत चिकित्सा क्षेत्र के लिए बहुत उपयोगी बताया।
चित्र कैप्शनः अतिथि वक्ता डॉ. मिनास लेवेंटिस के साथ छात्र-छात्राएं, दूसरे चित्र में अतिथि वक्ता को पुष्पगुच्छ भेंट करते हुए डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी।

वीपीएस में मनाया गया विश्व स्वास्थ्य दिवस

वृंदावन। धौरेरा स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। जिसमें बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाव रखते हुए निरोगी रहने के लिए जागरूक किया गया। साथी बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।
विद्यालय के निदेशक डॉ ओम जी ने कहा कि निरोगी काया के लिए मनुष्य का स्वस्थ होना सबसे बड़ा उपहार है। शरीर के लिए स्वास्थ्य का महत्व वैसा ही है जैसे दीपक के लिए तेल। जो अपने शरीर की देखभाल नहीं करता, वह अपनी आत्मा की देखभाल नहीं कर सकता। आरोग्य ही जीवन की सच्ची संपत्ति है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विभाग द्वारा समूह गान ‘जागो भारत के लोगों जागो’ गीत से हुआ। तत्पश्चात स्वास्थ्य संबंधी विचार और विशेष प्रस्तुति ने सभी को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम में कक्षा 11 के छात्रों द्वारा एक लघु नाटक की प्रस्तुति दी गई जिसका उद्देश्य स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मस्तिष्क के द्वारा जीवन को सफल बनाना था। इसमें देवांश सिंह, खुशी अग्रवाल, राधिका तिवारी, नंदिनी वर्मा, तत्व मृदुल, जानवी सोनी आदि ने अपने अभिनय से सबकी तालियां बटोरीं। इस मौके पर सीमा पाहुजा, मुस्कान वर्मा, दिनेश प्यारेकुल, हेमलता वर्मा, स्वेका राज, जूही मिश्रा, प्रिया अग्रवाल, निधि गौर, अंजना शर्मा, वंदना कौशिक, नेहा आदि मौजूद रहे।

मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष बने डॉ. बृजेंद्र तिवारी, सचिव डॉ. गौरव भारद्वाज

मथुरा । मथुरा मेडिकल एसोसिएशन का चुनाव स्थानीय एक होटल में हुआ, जिसमें बी.एल. तिवारी मेमोरियल अस्पताल के संचालक डॉ. बृजेन्द्र कुमार तिवारी को अध्यक्ष एवं सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स हॉस्पिटल) के संचालक डॉ. गौरव भारद्वाज को सचिव चुना गया।

इसके अलावा डॉ. सत्यजीत शर्मा, डॉ. मुक्ता सिंह, डॉ. वर्तिका किशोर, डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. नरेन्द्र सिंह, को उपाध्यक्ष, डॉ. अंशुल गोयल को कोषाध्यक्ष, डॉ. भावना गुप्ता, पंकज शर्मा को सह सचिव, डॉ. ज्योति अग्रवाल को साइंटिफिक सेक्रेटरी, डॉ. भावना शर्मा, डॉ. अनु गोयल को कल्चरल सेक्रेटरी, डॉ. आदेश शर्मा, डॉ. दिलीप, डॉ. नेहा मित्तल को स्पोर्ट्स सेक्रेटरी के अलावा डॉ. ललित वार्ष्णेय को बिल्डिंग कमेटी, इंसीनरेटर कमेटी में डॉ. विपुल गोयल, डॉ. रीना गोयल को इवेंट मैनेजर चुना गया, डॉ. संजीव जैन, डॉ. हार्दिक जैन, डॉ. देवेंद्र अग्रवाल, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. मानसी चंदना को सेंट्रल रिप्रेजेंटेटिव और डॉ. हर्षित मेहता, डॉ. अर्पित अग्रवाल, डॉ. भरत अग्रवाल, डॉ. रितेन गोयल, डॉ. उज्जवल भरतिया, डॉ. प्रशांत नाथ गुप्ता, डॉ. अंशुल अग्रवाल, डॉ. मृणाल शर्मा, डॉ. राहुल गोस्वामी, डॉ. विश्वेन्द्र सिंह, डॉ. मर्निका, डॉ. आनंद अग्रवाल को स्टेट रिप्रेजेंटेटिव चुना गया। डॉ. डी.पी. गोयल, डॉ. अशोक अग्रवाल, एस.के. वर्मन, डॉ. मुकेश जैन, बी.बी. गर्ग, डॉ. गुलशन, डॉ. अनिल चौहान, डॉ. वी.के. अग्रवाल, डॉ. अवधेश अग्रवाल, डॉ. संजय गुप्ता को एडवायजरी कमेटी में रखा गया। अन्य चिकित्सकों ने नई टीम का स्वागत माला पहनाकर एवं बुके भेंटकर दिया। इस अवसर पर डॉ. वर्षा तिवारी, डॉ. पवन अग्रवाल, डॉ.आर.के. चतुर्वेदी, डॉ. रविकांत, डॉ. प्रवीन वर्मा, डॉ. राकेश मेहता, डॉ. जॉय गोयल, डॉ. विशन आदि चिकित्सक मौजूद रहे।

सारंग हाई इम्पैक्ट स्कूल में मनाया राम नवमी उत्सव

वृंदावन। सारंग हाई इम्पैक्ट स्कूल ने राम नवमी के अवसर पर आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक वातावरण में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया। जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की गहराई को दर्शाता है। एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे विद्यालय परिवार ने श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशिका खुशबू सोढ़ी, मार्तंड देव और प्रधानाचार्य अंजू मल्होत्रा द्वारा श्री राम दरबार के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा भावपूर्ण “राम स्तुति” की प्रस्तुति दी गई। शिक्षकों द्वारा रामायण के “ताड़का वध” प्रसंग का सजीव और उत्साहपूर्ण मंचन किया गया।
समारोह में विद्यार्थियों द्वारा चौपाइयों का पाठ एवं श्री राम के जीवन पर आधारित भक्ति गीतों की प्रस्तुति भी दी गई, जिससे समस्त वातावरण भक्तिरस में डूब गया। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित सभी जनों को गहराई से प्रभावित किया और राममय भाव में सराबोर कर दिया।

सारंग हाई इम्पैक्ट स्कूल में हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को परंपरा और नवाचार के समन्वय के माध्यम से शिक्षित करना है। हम अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संजोते हुए एक प्रगतिशील एवं विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह समग्र दृष्टिकोण नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक गौरव और शैक्षणिक उत्कृष्टता को विकसित करता है—जो हमारे अनुसार शिक्षा की सच्ची आत्मा है। हमारी इस दृष्टि के अनुरूप, कैम्ब्रिज इंटरनेशनल करिकुलम से हमारा जुड़ाव विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में सशक्त करता है। यह पाठ्यक्रम अवधारणात्मक समझ और कौशल विकास पर केंद्रित है, जो अनुसंधान-आधारित और अनुभवात्मक शिक्षण के माध्यम से छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। साथ ही यह विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक सोच और समस्या-समाधान की क्षमता को भी निखारता है, जिससे उन्हें वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलती है।
राम नवमी का यह उत्सव सारंग की शैक्षिक दृष्टि का प्रत्यक्ष प्रमाण है—जहां आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक शिक्षाशास्त्र का संगम होता है, जो भविष्य के नेताओं को गढ़ने की दिशा में एक ठोस कदम है।

भाई हो तो ऐसा हो

 मथुरा। मेरे एक भाई हैं, नाम है उनका शैलेंद्र कुमार सिंह। किसी जमाने में वे मथुरा में सिटी मजिस्ट्रेट रहे बाद में यहां जिला मजिस्ट्रेट बनकर आए उसके बाद अब आगरा के मंडलायुक्त बन चुके हैं। लोग सोचने लग गए होंगे कि यह बनिया और वे ठाकुर फिर भाई होने का क्या मतलब।? शायद विजय कुमार गुप्ता की मति मारी गई है या फिर इतने बड़े पद पर बैठे शैलेंद्र जी के साथ भाई चारा दिखा कर अपनी शेखी बघार रहा है।
 हो सकता है सोचने वालों की बात में दम हो किंतु मेरे साथ जो घटनाक्रम घटित हो रहे हैं और हाल ही में एक नया घटनाक्रम घटित हुआ है, उससे स्पष्ट हो जाएगा कि मेरी बात में दम है या नहीं? बात कुछ दिन पहले की है एक अप्रैल का दिन और समय रात साढ़े आठ बजे का। मुझे ऊधम बाजी सूझी मैंने फोन मिला दिया शैलेंद्र सिंह जी को, उधर से प्रसन्नचित लहजे में उन्होंने कुशलछेम पूछी मैंने मुरझाई आवाज में कहा कि मैं बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गया हूं। आपके सहयोग की सख्त जरूरत है। वे चौंक से गए और बोले कि बताइए क्या बात हो गई और मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं? मैंने कहा कि आपको याद होगा एक बार आपने मुझसे कहा था कि यदि मेरे लायक कोई काम हो तो अवश्य बतावें, मुझे प्रसन्नता होगी कि मैं आपके किसी काम आ सकूं। उन्होंने हल्का सा इशारा यह भी किया कि यदि आर्थिक रूप से भी कभी मेरी मदद की जरूरत पड़े तो संकोच न करें। इसके बाद उन्होंने कहा कि हां मैंने कहा था। अब आप बताइए कि आप किस मुसीबत में फंस गए हैं और मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं? मैंने बड़ी मरगिल्ली सी आवाज बनाते हुए कहा कि शैलेंद्र जी इस समय मुझे पचास लाख रुपए की सख्त जरुरत पड़ गई है, क्या आप मेरी मदद कर देंगे? इस पर वे चौंक से गये और बोले कि पचास लाख तो बहुत ज्यादा होते हैं। फिर बोले कि यह तो बताइए कि आपको पचास लाख की किस लिए जरूरत पड़ गई?
 इस पर मैंने कहा कि यह बात तो मैं बाद में बताऊंगा किंतु आप पहले यह बताइए कि क्या इस संकट के समय आप मेरी मदद कर पाएंगे या नहीं? इस पर उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किये उन्हें सुनकर मैं अवाक रह गया। शैलेंद्र जी ने कहा कि "भाई साहब पचास लाख की तो नहीं पर हां अपनी सामर्थानुसार जो कुछ संभव हो सकेगा करूंगा अंत में उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किये वे ये थे कि "हमारा जो कुछ है वह आपका ही है"। उनके इन शब्दों से मुझे जो प्राप्ति हुई उसका मूल्य पचास लाख तो क्या अरबों खरबों से भी ऊपर का है। "हमारा जो कुछ है वह आपका ही है" उनका यह वाक्य सुनने के बाद फिर मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैंने पूछा कि जरा यह बताइए कि आज तारीख कौन सी है? इस पर उन्होंने कहा कि एक। तब मैं यह कहने वाला ही था कि महीना कौन सा है? इस पर वे तुरंत भांप गए कि माजरा क्या है? और झट से बोले कि अच्छा तो आपने हमें अप्रैल फूल बना दिया इसके बाद तो हम दोनों खूब हंसे। 
 अब मुझे कोई बताऐ कि आज के इस घनघोर कलयुग में जब भाई भाई की मदद करना तो दूर, उसके खून के प्यासे तक हो रहे हैं, तब शैलेंद्र जी ने मेरे साथ जो भाईचारा निभाया है उसके लिए मैं क्या कहूं क्या न कहूं कुछ समझ में नहीं आ रहा। मैंने उनसे कहा कि शैलेंद्र जी मैंने मर्यादा और शालीनता की सारी सीमाओं को लांघकर आपके साथ यह नालायकी की है। इस पर वे बोले कि यह आपका अधिकार है। अब और ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं बड़ा भाग्यशाली हूं जो मुझे दो भाई बड़े दुर्लभ मिले। एक छोटे भाई संत शैलेंद्र कुमार सिंह और दूसरे बड़े भाई संत शैलजाकांत। मैं उनके अनमोल प्रेम से अभिभूत हूं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि घर-घर में शैलजाकांत और शैलेंद्र कुमार जन्मे तथा दुनिया में भाईचारे की गंगा बहे।