Tuesday, April 29, 2025
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आज का पञ्चांग: 26 जुलाई 2021, सोमवार

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ॐ श्रीगणेशाय नम:

आज सोमवार को श्रावण बदी तृतीया 26:56 तक पश्चात् चतुर्थी शुरु, श्रावण का पहला सोमवार व्रत, बुध पुष्य नक्षत्र में 26:01 पर, विघ्नकारक भद्रा 15:25 से 26:55 तक, पंचक जारी, जया पार्वती व्रत पारणा (गुजरात ), कारगिल विजय दिवस (कारगिल शौर्य / स्मृति दिवस)।

  • शक सम्वत- 1943
  • विक्रम सम्वत- 2078
  • मास- श्रावण
  • पक्ष- कृष्णपक्ष
  • तिथि- तृतीया-26:56 तक
  • पश्चात- चतुर्थी
  • नक्षत्र- धनिष्ठा-10:26 तक
  • पश्चात- शतभिषा
  • करण- वणिज-15:26 तक
  • पश्चात- विष्टि
  • योग- सौभाग्य-22:38 तक
  • पश्चात- शोभन
  • सूर्योदय- 05:38
  • सूर्यास्त- 19:16
  • चन्द्रोदय- 21:15
  • चन्द्रराशि- कुम्भ-दिनरात
  • सूर्यायण – दक्षिणायन
  • गोल- उत्तरगोल
  • अभिजित- 12:00 से 12:54
  • राहुकाल- 07:20 से 09:03
  • ऋतु- वर्षा
  • दिशाशूल- पूर्व

कल मंगलवार को श्रावण बदी चतुर्थी 26:30 तक पश्चात् पंचमी शुरु , संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत , अंगारकी चतुर्थी व्रत ,भौम व्रत ,मंगलागौरी व्रत प्रारम्भ , मंगलागौरी दुर्गा पूजा , संकटमोचन में हनुमद् – दर्शन ,श्री दुर्गा जी की यात्रा एवं दर्शन काशी में , कुमारयोग 26:29 से , पंचक जारी ,श्री प्राणनाथ परमधाम गमन दिवस , डॉ. ऐ.पी.जे. अब्दुल कलाम स्मृति दिवस , अभिनेता अमजद खान स्मृति दिवस व केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल स्थापना दिवस।_

  • आचार्य कमलेश पाण्डेय

घर पर ट्यूशन पढ़ाते समय नाबालिग से टीचर ने की छेड़खानी, गिरफ्तार

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बरसाना। घर में ट्यूशन पढाने के दौरान 11 वर्षीय बालिका से छेड़खानी करने के आरोपी एक टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बालिका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने टीचर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया है।

बरसाना थानान्तर्गत टीचर नेतराम उर्फ नित्ताराम एक घर में 11 साल की छात्रा को ट्यूशन पढाने जाता था। बीती 15 जुलाई को उसने पढाई के दौरान बालिका से छेडाखानी कर दी। इसकी जानकारी उसने अपने मां बाप को दी। पिता ने 24 जुलाई को थाने पर आकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने पास्को एक्ट एंव धारा 354 लगाते हुये मुकदमा पंजीकृत कर लिया। उसके कुछ समय पश्चात ही पुलिस ने राणा प्याउ के समीप से आरोपी 48 वर्षीय शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है।

जब राष्ट्रपति ने खाया एक गरीब भारतीय लड़की का झूठा चावल

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मीराबाई चानू की कहानी है यह

उस समय उसकी उम्र 10 साल थी। इम्फाल से 200 किमी दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में गरीब परिवार में जन्मी और छह भाई बहनों में सबसे छोटी मीराबाई चानू अपने से चार साल बड़े भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पास की पहाड़ी पर लकड़ी बीनने जाती थीं।

एक दिन उसका भाई लकड़ी का गठ्ठर नहीं उठा पाया, लेकिन मीरा ने उसे आसानी से उठा लिया और वह उसे लगभग 2 किमी दूर अपने घर तक ले आई। शाम को पड़ोस के घर मीराबाई चानू टीवी देखने गई, तो वहां जंगल से उसके गठ्ठर लाने की चर्चा चल पड़ी। उसकी मां बोली, ”बेटी आज यदि हमारे पास बैल गाड़ी होती तो तूझे गठ्ठर उठाकर न लाना पड़ता।”

”बैलगाड़ी कितने रूपए की आती है माँं ?” मीराबाई ने पूछा

”इतने पैसों की जितने हम कभी जिंदगीभर देख न पाएंगे।”

”मगर क्यों नहीं देख पाएंगे, क्या पैसा कमाया नहीं जा सकता ? कोई तो तरीका होगा बैलगाड़ी खरीदने के लिए पैसा कमाने का ?” चानू ने पूछा तो तब गांव के एक व्यक्ति ने कहा, ”तू तो लड़कों से भी अधिक वजन उठा लेती है, यदि वजन उठाने वाली खिलाड़ी बन जाए तो एक दिन जरूर भारी—भारी वजन उठाकर खेल में सोना जीतकर उस मैडल को बेचकर बैलग़ाड़ी खरीद सकती है।”

”अच्छी बात है मैं सोना जीतकर उसे बेचकर बैलगाड़ी खरीदूंगी।” उसमें आत्मविश्वास था।

उसने वजन उठाने वाले खेल के बारे में जानकारी हासिल की, लेकिन उसके गांव में वेटलिफ्टिंग सेंटर नहीं था, इसलिए उसने रोज़ ट्रेन से 60 किलोमीटर का सफर तय करने की सोची।

शुरुआत उन्होंने इंफाल के खुमन लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से की।

एक दिन उसकी रेल लेट हो गयी.. रात का समय हो गया। शहर में उसका कोई ठिकाना न था, कोई उसे जानता भी न था। उसने सोचा कि किसी मन्दिर में शरण ले लेगी और कल अभ्यास करके फिर अगले दिन शाम को गांव चली जाएगी।

एक अधूरा निर्माण हुआ भवन उसने देखा जिस पर आर्य समाज मन्दिर लिखा हुआ था। वह उसमें चली गई। वहां उसे एक पुरोहित मिला, जिसे उसने बाबा कहकर पुकारा और रात को शरण मांगी।

”बेटी मैं आपको शरण नहीं दे सकता, यह मन्दिर है और यहां एक ही कमरे पर छत है, जिसमें मैं सोता हूँ । दूसरे कमरे पर छत अभी डली नहीं, एंगल पड़ गई हैं, पत्थर की सिल्लियां आई पड़ी हैं लेकिन पैसे खत्म हो गए। तुम कहीं और शरण ले लो।”

”मैं रात में कहाँ जाउँगी बाबा,” मीराबाई आगे बोली, ”मुझे बिन छत के कमरे में ही रहने की इजाजत दे दो।”

”अच्छी बात है, जैसी तेरी मर्जी।” बाबा ने कहा।

वह उस कमरे में माटी एकसार करके उसके उपर ही सो गई, अभी कमरे में फर्श तो डला नहीं था। जब छत नहीं थी तो फर्श कहां से होता भला। लेकिन रात के समय बूंदाबांदी शुरू हो गई और उसकी आंख खुल गई।

मीराबाई ने छत की ओर देखा। दीवारों पर उपर लोहे की एंगल लगी हुई थी, लेकिन सिल्लियां तो नीचे थी। आधा अधूरा जीना भी बना हुआ था। उसने नीचे से पत्थर की सिल्लिया उठाई और उपर एंगल पर जाकर रख ​दी और फिर थोड़ी ही देर में दर्जनों सिल्लियां कक्ष की दीवारों के उपर लगी एंगल पर रखते हुए कमरे को छाप दिया।

उसके बाद वहां एक बरसाती पन्नी पड़ी थी वह सिल्लियों पर डालकर नीचे से फावड़ा और तसला उठाकर मिट्टी भर—भरकर उपर छत पर सिल्लियो पर डाल दी। इस प्रकार मीराबाई ने छत तैयार कर दी।

बारिश तेज हो गई,और वह अपने कमरे में आ गई। अब उसे भीगने का डर न था, क्योंकि उसने उस कमरे की छत खुद ही बना डाली थी।

अगले दिन बाबा को जब सुबह पता चला कि मीराबाई ने कमरे की छत डाल दी तो उसे आश्चर्य हुआ और उसने उसे मन्दिर में हमेशा के लिए शरण दे दी, ताकि वह खेल की तैयारी वहीं रहकर कर सके, क्योंकि वहाँं से खुमन लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निकट था।

बाबा उसके लिए खुद चावल तैयार करके खिलाते और मीराबाई ने कक्षों को गाय के गोबर और पीली माटी से लिपकर सुन्दर बना दिया था।

समय मिलने पर बाबा उसे एक किताब थमा देते,जिसे वह पढ़कर सुनाया करती और उस किताब से उसके अन्दर धर्म के प्रति आस्था तो जागी ही साथ ही देशभक्ति भी जाग उठी।

इसके बाद मीराबाई चानू 11 साल की उम्र में अंडर-15 चैंपियन बन गई और 17 साल की उम्र में जूनियर चैंपियन का खिताब अपने नाम किया।

लोहे की बार खरीदना परिवार के लिए भारी था। मानसिक रूप से परेशान हो उठी मीराबाई ने यह समस्या बाबा से बताई, तो बाबा बोले, ”बेटी चिंता न करो, शाम तक आओगी तो बार तैयार मिलेगा।”

वह शाम तक आई तो बाबा ने बांस की बार बनाकर तैयार कर दी, ताकि वह अभ्यास कर सके।

बाबा ने उनकी भेंट कुंजुरानी से करवाई। उन दिनों मणिपुर की महिला वेटलिफ़्टर कुंजुरानी देवी स्टार थीं और एथेंस ओलंपिक में खेलने गई थीं।

इसके बाद तो मीराबाई ने कुंजुरानी को अपना आदर्श मान लिया और कुंजुरानी ने बाबा के आग्रह पर इसकी हर संभव सहायता करने का बीड़ा उठाया।

जिस कुंजुरानी को देखकर मीरा के मन में विश्व चैंपियन बनने का सपना जागा था, अपनी उसी आइडल के 12 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को मीरा ने 2016 में तोड़ा, वह भी 192 किलोग्राम वज़न उठाकर।

2017 में विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप, अनाहाइम, कैलीफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में उसे भाग लेने का अवसर मिला।

मुकाबले से पहले एक सहभोज में उसे भाग लेना पड़ा। सहभोज में अमेरिकी राष्ट्रपति मुख्य अतिथि थे।

राष्ट्रपति ने देखा कि मीराबाई को उसके सामने ही पुराने बर्तनों में चावल परोसा गया, जबकि सब होटल के शानदार बर्तनों में शाही भोजन का लुत्फ ले रहे थे।

राष्ट्रपति ने प्रश्न किया, ”इस खिलाड़ी को पुराने बर्तनों में चावल क्यों परोसा गया, क्या हमारा देश इतना गरीब है कि एक लड़की के लिए बर्तन कम पड़ गए, या फिर इससे भेदभाव किया जा रहा है, यह अछूत है क्या ?”

”नहीं महामहिम ऐसी बात नहीं है,” उसे खाना परोस रहे लोगों से जवाब मिला, ” इसका नाम मीराबाई है। यह जिस भी देश में जाती है, वहाँं अपने देश भारत के चावल ले जाती है। यह विदेश में जहाँ भी होती है, भारत के ही चावल उबालकर खाती है। यहाँ भी ये चावल खुद ही अपने कमरे से उबालकर लाई है ।”

”ऐसा क्यों ?” राष्ट्रपति ने मीराबाई की ओर देखते हुए उससे पूछा।

”महामहिम, मेरे देश का अन्न खाने के लिए देवता भी तरसते हैं, इसलिए मैं अपने ही देश का अन्न खाती हूँ।”

”ओह् बहुत देशभक्त हो तुम, जिस गांव में तुम्हारा जन्म हुआ, भारत में जाकर उस गांव के एकबार अवश्य दर्शन करूंगा।” राष्ट्रपति बोले।

”महामहिम इसके लिए मेरे गांव में जाने की क्या जरूरत है ?”

”क्यों ?”

”मेरा मेरा गांव मेरे साथ है, मैं उसके दर्शन यहीं करा देती हूँं।”

”अच्छा कराइए दर्शन!” कहते हुए उस लड़की की बात पर हंस पड़े राष्ट्रपति।

मीराबाई अपने साथ हैंडबैग लिए हुए थी,उसने उसमें से एक पोटली खोली, फिर उसे पहले खुद माथे से लगाया फिर राष्ट्रपति की ओर करते हुए बोली, ”यह रहा मेरा पावन गांव और महान देश।”

”यह क्या ह ै?” राष्ट्रपति पोटली देखते हुए बोले, ”इसमें तो मिट्टी है ?”

”हाँ यह मेरे गांव की पावन मिट्टी है, इसमें मेरे देश के देशभक्तों का लहू मिला हुआ, सरदार भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद का लहू इस मिट्टी में मिला हुआ है, इसलिए यह मिट्टी नहीं, मेरा सम्पूर्ण भारत हैं…”

”ऐसी शिक्षा तुमने किस विश्वविद्यालय से पाई चानू ?”

”महामहिम ऐसी शिक्षा विश्वविद्यालय में नहीं दी जाती, विश्वविद्यालय में तो मैकाले की शिक्षा दी जाती है, ऐसी शिक्षा तो गुरु के चरणों में मिलती है, मुझे आर्य समाज में हवन करने वाले बाबा से यह शिक्षा मिली है, मैं उन्हें सत्यार्थ प्रकाश पढ़कर सुनाती थी, उसी से ​मुझे देशभक्ति की प्रेरणा मिली।”

”सत्यार्थ प्रकाश ?”
”हाँं सत्यार्थ प्रकाश,” चानू ने अपने हैंडबैग से सत्यार्थ प्रकाश की प्रति निकाली और राष्ट्रपति को थमा दी, ”आप रख लीजिए मैं हवन करने वाले बाबा से और ले लूंगी।”

”कल गोल्डमैडल तुम्हीं जितोगी,” राष्ट्रपति आगे बोले, ”मैंने पढ़ा है कि तुम्हारे भगवान हनुमानजी ने पहाड़ हाथों पर उठा लिया था, लेकिन कल यदि तुम्हारे मुकाबले हनुमानजी भी आ जाएं तो भी तुम ही जितोगी…तुम्हारा भगवान भी हार जाएगा, तुम्हारे सामने कल।”

राष्ट्रपति ने वह किताब एक अधिकारी को देते फिर आदेश दिया, ”इस किताब को अनुसंधान के लिए भेज दो कि इसमें क्या है, जिसे पढ़ने के बाद इस लड़की में इतनी देशभक्ति उबाल मारने लगी कि अपनी ही धरती के चावल लाकर हमारे सबसे बड़े होटल में उबालकर खाने लगी।”

चानू चावल खा चुकी थी, उसमें एक चावल कहीं लगा रह गया, तो राष्ट्रपति ने उसकी प्लेट से वह चावल का दाना उठाया और मुँह में डालकर उठकर चलते बने।

”बस मुख से यही निकला, ”यकीनन कल का गोल्ड मैडल यही लड़की जितेगी, देवभूमि का अन्न खाती है यह।”

और अगले दिन मीराबाई ने स्वर्ण पदक जीत ही लिया, लेकिन किसी को इस पर आश्चर्य नहीं था, सिवाय भारत की जनता के…

अमेरिका तो पहले ही जान चुका था कि वह जीतेगी,बीबीसी जीतने से पहले ही लीड़ खबर बना चुका था ।

जीतते ही बीबीसी पाठकों के सामने था, जबकि भारतीय मीडिया अभी तक लीड खबर आने का इंतजार कर रही थी।

इसके बाद चानू ने 196 किग्रा, जिसमे 86 kg स्नैच में तथा 110 किग्रा क्लीन एण्ड जर्क में था, का वजन उठाकर भारत को 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

इसके साथ ही उन्होंने 48 किग्रा श्रेणी का राष्ट्रमण्डल खेलों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण जीतने पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ₹15 लाख की नकद धनराशि देने की घोषणा की।

2018 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।

यह पुरस्कार मिलने पर मीराबाई ने सबसे पहले अपने घर के लिए एक बैलगाड़ी खरीदी और बाबा के मन्दिर को पक्का करने के लिए एक लाख रुपए उन्हें गुरु दक्षिणा में दिए।

‘”वेद वृक्ष की छांव तले पुस्तक का एक अंश”

बबिता अग्रवाल बाल कल्याण समिति हाथरस की अध्यक्ष बनीं, प्रतिभा को बनाया स्थाई सदस्य

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मथुरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा की सचिव सोनिका वर्मा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा द्वारा संचालित मध्यस्थता केंद्र के अधिवक्ताओं और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा के पराविधिक स्वयं सेवकों को जनपद मथुरा व हाथरस के विभिन्न विभागों में मुख्य पदों पर तैनात किया गया है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा की मध्यस्थ अधिवक्ता प्रतिभा शर्मा को स्थायी लोक अदालत मथुरा की सदस्य, मध्यस्थ अधिवक्ता बबिता अग्रवाल को बाल कल्याण समिति हाथरस के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा के पराविधिक स्वयंसेवकों में से पराविधिक स्वयंसेवक सतीश चंद्र शर्मा को किशोर न्याय बोर्ड मथुरा के सदस्य के रूप में नियुक्ति किया गया है। पराविधिक स्वयंसेवक सीमा शर्मा तथा पराविधिक स्वयंसेवक मोहिनी शर्मा को बाल कल्याण समिति मथुरा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

जनपद न्यायाधीश मथुरा यशवंत कुमार मिश्र की प्रेरणा व मार्गदर्शन में किये गए कार्यों के फलस्वरूप उपरोक्त मध्यस्थगणों तथा पराविधिक स्वयंसेवकों को जनपद मथुरा व हाथरस में मुख्य पदों पर नियुक्ति दी गई है तथा बाल कल्याण के क्षेत्र में सेवा करने का अवसर मिला है।

लैंडस्लाइड से बड़ा हादसा: 9 लोगों की दर्दनाक मौत, रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो हो रहा वायरल

शिमला। हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड से बड़ा हादसा हो गया। किन्नौर जिले में भूस्खलन की चपेट में आने से 9 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। गाड़ी सवार यह पयर्टक दिल्ली और चंडीगढ़ से घूमने आए थे।


जानकारी के मुताबिक जिले में बटसेरी के गुंसा के पास चट्टानें अचानक से गिरना शुरू हुई, जिसके बाद देखते ही देखते हालात भयानक हो गए। पहाड़ों से एक के बाद एक बड़े-बड़े पत्थर नीचे तबाही मचाने लगे, जिसकी चपेट में आकर बटसेरी पुल देखते ही देखते बिखर गया और आसपास खड़ी गाड़ियां भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गाड़ी में सवार 9 लोगों की दर्दनाक मौत होने की खबर मिल रही है।

बताया जा रहा है कि पहाड़ों से पत्थर गिरने से नीचे खड़ी गाड़ी भी उसकी चपेट में आ गईं, जिससे कार सवार 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। गाड़ी सवार पर्यटक दिल्ली और चंडीगढ़ से हिमाचल घूमने आए थे और अचानक मौत का शिकार हो गए। किन्नौर जिले में हुई लैंडस्लाइड का एक रोंगटे खड़े कर देने वाला लाइव वीडियो भी सामने आया है।

तमंचे की नोक पर नाबालिग से 4 युवकों ने किया गैंगरेप, पीड़िता के बेहोश होने तक करते रहे दरिंदगी

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मुजफ्फरनगर। फुगाना थाना क्षेत्र के एक गांव में चार वहशी दरिदों ने एक नाबालिग लड़की के साथ तमंचे की नोंक पर बलात्कार किया। आरोप है कि पीड़िता के बेहोश होने के बाद आरोपी उसके भाई को जान से मारन की धमकी देते हुए फरार हो गए। घटना के समय पीड़िता के माता-पिता रिश्तेदारी में गए हुए थे। पीड़िता ने पिता ने आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक फुगाना थाना क्षेत्र के गांव निवासी एक व्यक्ति ने गांव के चार युवक राहिब पुत्र कालू, शाहिब पुत्र अनीश और दो और साथी के विरुद्ध नाबालिग बेटी और बेटे को तमंचे की नोक पर डराते हुए बेटी के साथ गैंग रेप के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर गांव के ही चारों युवकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली है। पीड़ित पिता का यह कहना है कि घटना के दौरान वह अपनी पत्नी के साथ रिश्तेदारी में गया था। उस वक्त राहिब नाम का युवक छत के रास्ते उसके घर में घुसा। उस वक्त उसकी 15 साल की बेटी और 12 साल का बेटा घर पर सो रहे थे।

आरोप है कि आरोपी ने बेटी को तमंचा दिखाते हुए घर में बनीं दुकान में ले जाकर गेट खुलवाया। गेट के बाहर पहले से खड़े तीनों युवकों के पास भी तमंचा थे। दुकान का गेट खुलते ही सभी चारों आरोपी घर में दाखिल हुए और उसकी बेटी और बेटे पर तमंचा तान दिया। जिसके बाद चारों आरोपियों ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ बारी-बारी से सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों ने घटना के बारे में किसी न बताते हुए जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गए। जब रिश्तेदारी के यहां से घर लौटने पर माता-पिता को बेटी और बेटे ने पूरा घटनाक्रम बताया। जिसके बाद पीड़िता के पतिाा ने थाने में आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दी है।

थाना प्रभारी का कहना है कि पीड़िता के पिता की तहरीर में यह बताया गया कि तीन नामजद एक अज्ञात उनकी नाबालिग लड़की को बहलाफुसला कर ले गए हैं। उसके साथा दुराचार किया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दो और साथियोंं की तलाश चल रही है। कानूनी प्रक्रिया के तहत लड़की का बयान और मेडीकल की कार्रवाई की जा रही है।

सबसे ज्यादा घातक थे अप्रैल और मई का महीना, इन 2 महीनों में कोरोना से 1.66 लाख मौतें

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी वेव में दो माह सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुए। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 के बाद से भारत में कोरोना से हुई आधी मौतें सिर्फ दो महीनों यानी अप्रैल और मई 2021 में हुईं। ये आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालती है कि दो महीने कितने घातक थे और इसका राज्यों पर किस तरह का प्रभाव पड़ा।

भारत में अप्रैल और मई में कोरोना से हुई मौत का 41 प्रतिशत महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली से आया। तीन राज्यों ने इस अवधि में सबसे अधिक मौतें दर्ज कीं। दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब में 14 महीनों में कुल कोविड की मौत का लगभग 60 प्रतिशत अप्रैल और मई में हुआ। सूचना के अधिकारी के तहत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है।

सिर्फ अप्रैल महीने में 1.20 लाख मौतें

एनसीडीसी ने कहा कि अप्रैल 2020 और मई 2021 के बीच कुल 329,065 कोविड मौतों में से, 166,632 अप्रैल और मई 2021 में हुईं। मई में 120,770 लोगों की मौत हुई और अप्रैल में 45,882 लोगों की जान गई। जून में, 69,354 कोविड मौतें दर्ज की गईं। अप्रैल-मई से पहले, एक महीने के लिए सबसे अधिक मौतें सितंबर 2020 में 33,035 हुई थीं। सितंबर-अक्टूबर को कोरोना की पहली लहर का चरम माना जाता था। उसके बाद फरवरी 2021 में इस महामारी से 2,777 मरीजों की जान गई।

पदाधिकारियों की हठधर्मिता के चलते अग्रवाल समाज का एक और शिक्षण संस्थान कंट्रोलर के हाथ में

मथुरा। अग्रवाल समाज में पड़ी फूट और पदाधिकारियों की हठधार्मिता के चलते मथुरा के जानेमाने शिक्षण संस्थान एक-एककर विवादों के घेरे में आ रहे हैं। परिणाम स्वरुप पदाधिकारियों के बीच चल रहे विवादों की शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव न पड़े इसके लिए मथुरा में अग्रवालल समाज के एक और शिक्षण संस्थान पर शिक्षा निदेशालय द्वारा कंट्रोलर नियुक्त किया गया है। इससे पहले विवाद के चलते मथुरा का चम्पा अग्रवाल इंटर कॉलेज में पहले ही कंट्रोलर नियुक्त हो चुका है।

अग्रवाल समाज के शिक्षण संस्थानों में से एक और शिक्षण संस्थान प्रेम देवी गल्र्स इंटर कॉलेज पर भी संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा ने कंट्रोलर नियुक्त करने की संस्तुति कर दी है। निदेशालय ने यह फैसला यह नियुक्ति विद्यालय में मान्य प्रबंध समिति न होने के कारण एवं प्रबंध समिति में चलते लिया है। प्रेम देवी गल्र्स इंटर कॉलेज के अग्रवाल समाज के पदाधिकारियों के बीच पनपे विवाद के कारण संस्थान में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों के वेतन भुगतान सेवा संबंधी अभिलेखों, अवशेष वेतन एवं अन्य समस्याओं के निस्तारण में कठिनाइयों के उत्पन्न होने पर शिक्षण संस्थान के सफल संचालन हेतु उत्तर प्रदेश वेतन वितरण अधिनियम 1971 के अंतर्गत की गई है जिसके तहत राजकीय हाईस्कूल लोहवन की प्रधानाचार्य कविता सक्सैना को प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा मंडल द्वारा 20 जुलाई 2021 को संबंधित अधिकारियों को आदेश किया गया है।

पॉर्न केस में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का हाथ तो नहीं, पूछताछ करने पुलिस ने घर पर दी दस्तक

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मुंबई। पॉर्न फिल्म बनाने के मामले में पति राज कुंद्रा के बाद अब पत्नी शिल्पा शेट्टी की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। क्राइम ब्रांच की टीम ने आज शिल्पा शेट्टी से पूछताछ के लिए उनके घर पर दस्तक दी। बताया जा रहा है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को आमने-सामने बैठाकर पुलिस पूछताछ की गई।

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस इस बात की पड़ताल में जुटी है कि पति के इस पॉर्न फिल्म बनाने के मामले में शिल्पा की कोई भूमिका है या नहीं। बताया जा रहा है कि उनके खातों की जांच भी हो सकती है। वहीं, पुलिस ने बताया कि जांच में पाया गया है कि हॉटशॉट्स ऐप्स के करीब 20 लाख सब्सक्राइबर्स थे। इसी ऐप पर अश्लील फिल्मों को अपलोड किया जा रहा था।

ज्ञात हो कि अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें ऐप के जरिए लोगों को परोसने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा को गिरफ्4ार किया था। मंगलवार को कुंद्रा को अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें 23 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया और अब उनकी हिरासत 27 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

‘बिग बॉस’ फेम एक्ट्रेस सड़क हादसे में घायल, दोस्त की मौके पर मौत

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नई दिल्ली। ‘बिग बॉस’ फेम एक्ट्रेस यशिका आनंद एक सड़क हादसे में गंभीर रुप से से घायल हो गई है। इस हादसे में घटनास्थल पर ही यशिका की एक दोस्त की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं यशिका समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तमिल फिल्म अभिनेत्री यशिका आनंद अपने दोस्तों के साथ महाबलीपुरम से चेन्नई लौट रही थीं। उसी दौरान कार अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो गई। पुलिस का कहना है कि गाड़ी में सवार चारों लोग शराब के नशे में थे। रफ्तार तेज होने की वजह से गाड़ी का संतुलन बिगड़ा और डिवाइडर से जा टकराई। हालांकि अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

‘बिग बॉस’ फेम एक्ट्रेस यशिका आनंद तमिल और तेलुगू फिल्म इंडस्ट्रीज की जानी मानी एक्ट्रेस है। वह 2018 में बिग बॉस तमिल के सीजन 2 में नजर आईं थी जहां उन्हें एक अलग ही पहचान हासिल हुई। इससे पहले यशिका को 2016 में फिल्म धुरवंगल पाथिनारु से बड़ा ब्रेक मिला था।